आज फिर
आज फिर
1 min
348
आज उस चाँद को देख कर फिर नियत बिगड़ी,
सितारों ने फिर इल्ज़ामे इश्क़ लगाया,
शर्ते रखी उस चाँद ने फिर आज,
करवा दिया जाये आसमान उसके नाम,
मान रखा उस चाँद का हमने भी,
एक बार फिर बदनाम हुऐ उस आसमान में हम,
आज फिर उस चाँद को देख नीयत बिगड़ी,
आज फिर उस आसमान में सलामे इश्क़ हुआ कुबूल,
आज निगाह में किया चाँद ने क़बूले इश्क़,
और बेगम के नाम से बदनाम हुआ चाँद हमारे इश्क़ में !