आज की शिक्षा
आज की शिक्षा


शिक्षा है मौलिक अधिकार,
हर बच्चे लिखेंगे पढ़ेंगे,
ज्ञान से सुदृढ़ बनकर,
एक सुंदर समाज गढ़ेंगे,
कितने अच्छे ए भावना,
पर देखा नहीं स्कूलों में,
पढ़ाई लिखाई पर ध्यान नहीं,
अंडे चावल के व्यापार में !!
भय भक्ति स्नेह आदर ये तो सारे है किताबी बातें,
शिष्य से डरे गुरु यहां,
मानव अधिकार के चक्कर में,
शिक्षा का पतन निश्चित है जब गुरु के गरिमा को हानि,
शिक्षा तो यहां धंधा बना है किसे सुनाऊं यह कहानी !!
सर्टिफिकेट के आधार से,
जब नौकरी देना उचित है,
मोटी रकम पाने वाले,
धरना पर क्यों बैठे हैं,
दो अक्षर न जाने वाले,
आज गुरु बने हैं कैसे,
शिक्षा के स्तर गिरे हैं,
इन आरक्षण के कारण से !!
बड़े बड़े बाबू के बच्चे,
जब पड़े प्राइवेट स्कूलों में,
अंदाजा लगती हालत कैसी होगी,
इन सरकारी स्कूलों में,
कहां मिलेगा गुणात्मक मान, आज के शिक्षा में,
शिक्षा दर बढ़ाने की नशे में सरकार भी चूर है !!