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Neha Kumari

Others

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Neha Kumari

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आज के जमाने का डेवलपमेंट

आज के जमाने का डेवलपमेंट

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आज के जमाने का कैसे हो डेवलपमेंट,

जरा सोचो मेरे दोस्तों और मेरे प्यारे स्टूडेंट।

जहां ईमान से जीने वालों और समझदारों का होता हो सस्पेंड,

जहां चमचागिरी करने वालों और दलालों के काम किए जाते हों परमानेंट,

वहां कैसे हो डेवलपमेंट।

जहां मेहनत मजदूरी करने वालों की फटी हुई पैंट,

जहां महल बनाने वालों के रहने के लिए लगाए जाते हो छोटे छोटे-से टेंट,

वहां कैसे हो डेवलपमेंट।


जहां नेताओं के कपड़ों से निकलते हो झूठे वादों के सैंट,

जहां अपराधियों की आवाज हो फ्लूएंट,

और जहां मकान मालिक से ही वसूले जाते हो घर का रेंट 

वहां कैसे हो डेवलपमेंट।

मेरे प्यारे प्यारे दोस्तों और इस नए जमाने के स्टूडेंट्स,

जहां इलेक्शन के वक्त मंत्री बन जाता हो जनता का सर्वेंट,

जहां लूटने वालों का टल जाता हो रिटायरमेंट,

सारे रिश्वतखोर जहां रहते हो कॉन्फिडेंट,

वहां कैसे हो डेवलपमेंट।


जहां मंदिर मस्जिद के नाम पर बनते हों दिखावे का सेंट,

जहां भूखे को रोटी नहीं फिर भी पार्टी हो एकदम ओरियंट,

वहां कैसे हो डेवलपमेंट।

जहां ट्रैफिक की सुविधा के बावजूद भी होते हों एक्सीडेंट,

जहां कोने-कोने में सिर्फ बदमाश ही हों प्रेजेंट,

वहां का कैसा हो मोमेंट,

जरा सोचो मेरे प्यारे स्टूडेंट।


जहां निक्कमों के काम को कहा जाता हो एक्सीलेंट,

और जहां ढोंगी बाबाओं के लिए किए जाते हो कैश पेमेंट,

भेदभाव करने वालों को जहां कहे जाते हो और ओबेडिएंट,

वहां का कैसा हो मोमेंट।

जहां चोर और डाकू हो अपने काम में ब्रिलिएंट,

जहां जघन्य अपराध जैसे मामलों का ना हो कभी एंड,

वहां का कैसा हो मोमेंट,

मेरे प्यारे दोस्तों और नए जमाने के स्टूडेंट,

जरा सोचो_

कैसे हो आज के जमाने का डेवलपमेंट?



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