आज का अमीर कल का फकीर
आज का अमीर कल का फकीर
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आज मेरी बारी है
कल तेरी बारी है ।
दर्द जो भारी हो तो
जीवन भारी है ।
आजीवन न सुख मिलता है
न केवल दुख मिलता है ।
आज मुस्कान नसीब हुआ तो
कल अश्क छलकता है ।
मैं तुझ पर उलटा हूं ,
तू मुझ पर उलटा है ।
बस दो घड़ी में वक्त ने
सबको पलटा है ।
जो आज का अमीर है
कल का फकीर होगा
होगा तो वही जैसा
माथे का लकीर होगा ।
