आदमी का सत्य
आदमी का सत्य
सूर्य का सत्य गर्मी
चाँद का सत्य ठंडक
आकाश का सत्य विशालता
पृथ्वी का सत्य सहनशीलता
नदी का सत्य सागर से मिलना
सागर का सत्य
उसका खारापन
फूल का सत्य सुगन्धि देना
वृक्ष का सत्य फल देना
संसार की प्रत्येक वस्तु
का सत्य है
किसी का मिठास
किसी का खटास
किसी का कड़वाहट।
क्या आप जानते हैं
आदमी का सत्य क्या है
आदमी का सत्य था तो
मस्त रहना
आनंदित रहना
हर परिस्थिति में प्रसन्न रहना
पर उसने अपने चारों और
काम क्रोध
मोह लोभ
अहंकार
घृणा द्वेष
दुख-दर्द के ऐसे आवरण ओढ़ लिए
ऐसे जंजाल बुन लिए
वह अपना सत्य ही भूल गया
केवल संघर्ष, उलझन
तनाव, दवाब
चिन्ता में फँस कर रह गया।
