कितनी बदनसीब है जवानी आज, अंजान वर्तमान समय की कीमत से! कितनी बदनसीब है जवानी आज, अंजान वर्तमान समय की कीमत से!
वक़्त चाहे कितना गर्दिश में हो न थमने दो कोशिशों को वक़्त चाहे कितना गर्दिश में हो न थमने दो कोशिशों को