100 बलात्कारी इन्हीं से उत्पन्न देश में होते हैं।।
100 बलात्कारी इन्हीं से उत्पन्न देश में होते हैं।।
100 बलात्कारी इन्हीं से
उत्पन्न देश में होते हैं।।
चंद सिक्कों के लिए यह
इतने नीचे गिर जाते है
देश समाज और संस्कृति
की प्रवाह जरा न करते हैं
थोड़ी शौहरत दौलत के लिए
अंग प्रदर्शन करते है
नारी शक्ति की धज्जियां
फिल्मीस्तान उड़ाते हैं।।
शान शौकत से नारी पर
मंच से भाषण करते हैं
परी जैसा रूप दिखाकर
अपने पर इतराते हैं।।
समझो कलयुग की देवी
देवता खुद को बताते हैं
100% बलात्कारी इन्हीं से
उत्पन्न देश में होते हैं।।
नारी की मर्यादा को
चंद सिक्कों पर लुटाते
अभिमान से खुद को
हीरोइन बताते हैं।।
