बीस इक्कीस का जब हुआ था आगमन, नये वर्ष को लेकर मन में था बहुत उमंग। बीस इक्कीस का जब हुआ था आगमन, नये वर्ष को लेकर मन में था बहुत उमंग।
हनुमान रूप, प्रभु राम संग माँ गौरा के तुम, भोलेनाथ, हनुमान रूप, प्रभु राम संग माँ गौरा के तुम, भोलेनाथ,
अपनी इच्छाओं को जताया। मैं बैल हूँ तूने मुझे भगवान बनाया। अपनी इच्छाओं को जताया। मैं बैल हूँ तूने मुझे भगवान बनाया।
मुझे स्वच्छ नदी ही रहने दो यही बस मेरा श्रेय है। मुझे स्वच्छ नदी ही रहने दो यही बस मेरा श्रेय है।
शब्द धर्म है, शब्द ही है विज्ञान, शब्द ख़ुदा हैं, शब्द ही हैं श्रीराम। शब्द धर्म है, शब्द ही है विज्ञान, शब्द ख़ुदा हैं, शब्द ही हैं श्रीराम।
मैं यादों के किसी भी पत्र विहीन जंगल में नहीं घूम सकती। मैं यादों के किसी भी पत्र विहीन जंगल में नहीं घूम सकती।