लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा..
घर,परिवार,समाज फिर राष्ट्र या विश्व, वैश्विक प्रेम, वसुधैव प्रेम, वसुधैव कुटुंबकम भ घर,परिवार,समाज फिर राष्ट्र या विश्व, वैश्विक प्रेम, वसुधैव प्रेम, वसुधै...
मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नहीं मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नह...
देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके झूर-झूर मनुहार देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके ...
यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।। यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।।
हमें मालूम नहीं अगले पल तक हम रहें या ना रहें, बुरा करने का विचार आये तो कल पे डाले हमें मालूम नहीं अगले पल तक हम रहें या ना रहें, बुरा करने का विचार आये तो...