Pinky Ashku

Comedy

4.5  

Pinky Ashku

Comedy

जुगाड़

जुगाड़

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जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़

हम इन्सान कहीं न कहीं जुगाड़ लगा लेते हैं 

कभी तौलिया को पोंछा तो

कभी रुमाल को स्कॉर्फ़ बना देते हैं।


जुगाड़ की ऐसी लत है कि

हर चीज़ मे जुगाड़ लगा लेते हैं

कभी पानी की बोतल काट

उसमे पेड़ उगा देते हैं।


तो कभी दारु की बोतल को

फ़्लाउर पॉट बना घर सजा देते हैं 

जुगाड़ की ऐसी लत है कि

हर चीज़ में जुगाड़ लगा लेते हैं।


कभी टूथब्रश को क्लीनर तो

ट्रेडमिल को रस्सी बना देते हैं।

जुगाड़ की ऐसी लत है कि हर

चीज़ मे जुगाड़ लगा लेते हैं।


कभी फ्रीज खराब हो जाए

तो उसे अलमारी बना देते हैं। 

तो कभी आचार ख़त्म हो जाए

तो उसकी बोतल को दो मसाले रख देते हैं।

 

मगर कभी भी जुगाड़ लगा नहीं चोड़ते

जुगाड़ की ऐसी लत है कि हर चीज़ में

जुगाड़ लगा लेते हैं।

लिखना था कविता कुछ नहीं मिला

तो जुगाड़ पर ही कविता लिख डाली।


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