कल्पनाओं से परे.. यथार्थ के कठोर धरातल पर.. लिखने की एक छोटा सा प्रयास..✍️जय श्री कृष्ण 🙏
दो जोड़ी तकती आँखों की आस ले आऊँ या फ़िर.. उनके आँसू पोंछने का रुमाल ही ले आऊँ.. दो जोड़ी तकती आँखों की आस ले आऊँ या फ़िर.. उनके आँसू पोंछने का रुमाल ही ले आऊँ..
चंद्रमा को भी अपनी कला दिखाने का.. वो उसे.. अवसर प्रदान कर रहा होता है.. चंद्रमा को भी अपनी कला दिखाने का.. वो उसे.. अवसर प्रदान कर रहा होता है..
क्योंकि उसका एक नया जन्म होता है एक जननी एक माँ के स्वरूप में ! क्योंकि उसका एक नया जन्म होता है एक जननी एक माँ के स्वरूप में !
पश्चाताप के आँसू हमारे अंतःकरण को धो डालता है... पश्चाताप के आँसू हमारे अंतःकरण को धो डालता है...
कान्हा भी उन्हें पास बुला लेते हैं क्योंकि.. वे भी प्यार करते हैं अपने प्रिय भक्तों से. कान्हा भी उन्हें पास बुला लेते हैं क्योंकि.. वे भी प्यार करते हैं अपने प्रिय ...
आस-पास कोई भी नहीं आता नज़र.. अंधेरी दिशा अपने भ्रमजाल में हमें.. आस-पास कोई भी नहीं आता नज़र.. अंधेरी दिशा अपने भ्रमजाल में हमें..
ग़र गिरफ़्त में इसके ना आएं तो.. है बेहद मददगार.. ये हम सभी का...!! ग़र गिरफ़्त में इसके ना आएं तो.. है बेहद मददगार.. ये हम सभी का...!!
बारिश की बूँदों से.. प्रकृति होती संपन्न है.. बारिश की बूँदों से.. प्रकृति होती संपन्न है..
एक न एक दिन.. गुजरना ही पड़ता है.. एक न एक दिन.. गुजरना ही पड़ता है..
जब कभी होते हैं पथहारा.. आर्तनाद कर तुम्हें पुकारा.. जब कभी होते हैं पथहारा.. आर्तनाद कर तुम्हें पुकारा..