साहित्य प्रेम मे ही जीवन है।
मेरी शांत जिंदगी मे, तूफ़ाँ बन गई उसकी नज़र। मेरी शांत जिंदगी मे, तूफ़ाँ बन गई उसकी नज़र।
वो सीप मे सजी मोती सी थी, वो संध्या की रतनार चुनर सी थी, वो सीप मे सजी मोती सी थी, वो संध्या की रतनार चुनर सी थी,
सच है, चलो चाँद के पार चलो, साथी हम है तैयार चलो.... सच है, चलो चाँद के पार चलो, साथी हम है तैयार चलो....
आखिर जीत हुई प्यार की, हार गए जमाने के सितम , आखिर जीत हुई प्यार की, हार गए जमाने के सितम ,
वो बच्चा बड़ा शरारती था, पर वो बच्ची बड़ी मासूम थी। वो बच्चा बड़ा शरारती था, पर वो बच्ची बड़ी मासूम थी।
आई बेला आजमाइश की , जमाने में अपना इश्क जताने की , आई बेला आजमाइश की , जमाने में अपना इश्क जताने की ,
थोड़ा थोड़ा प्यार का सरूर था, मुहब्बत का गहरा असर जरूर था, थोड़ा थोड़ा प्यार का सरूर था, मुहब्बत का गहरा असर जरूर था,
बचपन को बिदा कर, तरुणाई मे रखा था कदम। बचपन को बिदा कर, तरुणाई मे रखा था कदम।
फिर क्यों दाँव पर लगा मेरा ही सतीत्व, फिर क्यों दाँव पर लगा मेरा ही सतीत्व,
फिर भी तू क्या सोच जश्न मनाता हर साल, क्या होता है.... बस..... क्रमांक बदल जाता है. फिर भी तू क्या सोच जश्न मनाता हर साल, क्या होता है.... बस..... क्रमांक ब...