Hi please read my stories
Share with friendsमतलब ये है कि हमें अपने टैलेंट को निखारना है और अपने दिल की बात सुननी है.
Submitted on 14 Feb, 2021 at 04:57 AM
पिया की बातें मुझे हमेशा ही अच्छी लगती है कितनी समझदारी की बातें करती है।
Submitted on 09 Feb, 2021 at 08:07 AM
मैं तुम दोनों को मार डालूंगी… मेरे भइया पर मत हसो… वो बहुत अच्छे हैं !
Submitted on 01 Feb, 2021 at 04:02 AM
ख्यालों के समंदर में डूबते उभरते अचानक मेरी नज़र पिया पर पड़ गई
Submitted on 25 Jan, 2021 at 11:01 AM
मेरा इंतज़ार करने के लिए। सही है, हम जोचाहते है… हमे मिल जाये तो उसकी कीमत उतनी नहीं र
Submitted on 18 Jan, 2021 at 05:03 AM
कभी सोचा नहीं था की ये तीन लफ्ज़ मुझे शर्म से भिगा जायेंगे कि मैं कुछ बोल नहीं पाउंगी!
Submitted on 04 Jan, 2021 at 12:48 PM
मेरी मुस्कुराहट का मतलब ‘हाँ’ समझ कर वह मेरी पास वाली सीट पर आकर बैठ गया।
Submitted on 28 Dec, 2020 at 14:02 PM
केवल आंसू ही पोंछे होते तो ठीक था नाक साफ करने की क्या जरूरत थी।
Submitted on 21 Dec, 2020 at 05:01 AM
मेरा सपने टूटने का गम आंसुओं में बह चुका था और एक नई लौ जलने की तैयारी में थी।
Submitted on 14 Dec, 2020 at 08:45 AM
यह मज़ा था रास्ते का… और मैं सोच रही थी इस सफर में सफर का मज़ा लिया गया है
Submitted on 30 Nov, 2020 at 09:03 AM
मम्मी को हर बात बढ़ा चढ़ा के करने की आदत है सीधे मतलब की बात नहीं कर सकती।
Submitted on 09 Nov, 2020 at 05:06 AM
‘क्या खड़ूस है कितना तो अच्छा पढ़ाते हैं, सर के सारे फंडे क्लियर है
Submitted on 02 Nov, 2020 at 06:06 AM
कितनी खास बात करनी थी तुझसे और तू है कि जब जरूरी काम होता है तभी लेट होती है
Submitted on 27 Oct, 2020 at 04:59 AM
‘देख अंशिका... ज्यादा गुस्सा मत कर वरना दिमाग फट जाना है तेरा।’
Submitted on 20 Oct, 2020 at 04:51 AM
आपकी मोहब्बत की खुशबू तो हमें आ जाती है आप कहें कुछ या ना कहें।
Submitted on 13 Oct, 2020 at 05:14 AM
काफी हद तक दिल्ली वाली हो गई हूँ पर मेरी जुबान में आज भी लखनवी लहज़ा बरकरार है।
Submitted on 06 Oct, 2020 at 13:09 PM
तब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ कि मैंने गलत समय पर गलत बात कह दी।
Submitted on 29 Sep, 2020 at 14:52 PM
”कैसी बातें कर रहे हैं आप... मुझे तो उन्होंने ही बताया है।”
Submitted on 22 Sep, 2020 at 12:27 PM
मेरे सात बेटों ने मेरी आँखों के सामने दम तोड़ दिया
Submitted on 08 Sep, 2020 at 10:25 AM
आज जा कर इस बात का एहसास हुआ कि आपकी कमीं क्यों इतना खलने लगी।
Submitted on 01 Sep, 2020 at 11:17 AM
कल सुबह आ कर अपनी माताजी के नाम का शांति पाठ और करवा लीजिए
Submitted on 25 Aug, 2020 at 09:26 AM
इंटरनेट से बढ़ती करीबी ने हमें किताबों से दूर कर दिया।
Submitted on 18 Aug, 2020 at 08:58 AM
मेरे सामने मेहरबानी कर के इसका नाम मत लिया कर। गला और दिल दोनों के जख़्म हरे हो जाते हैं
Submitted on 11 Aug, 2020 at 08:19 AM
उसके एक अध्याय ‘हिंसा का मनोविज्ञान’ने मुझपे बड़ा गहरा प्रभाव डाला।
Submitted on 04 Aug, 2020 at 13:55 PM
देखा आपने कैसे कहाँ की बात कहाँ ले जा के पटकी इन लोगों ने।
Submitted on 28 Jul, 2020 at 10:14 AM
“ठीक है। पर तू कर क्या रहा है इतनी देर से यहाँ बैठा बैठा ?
Submitted on 21 Jul, 2020 at 11:04 AM
रुकिये ज़रा पानी पी लूँ, बातें करते करते गला ही सूख गया।
Submitted on 14 Jul, 2020 at 11:35 AM
अलार्म पे रिया का पसंदीदा गाना बज रहा था। “तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार करते हैं...”
Submitted on 30 Jun, 2020 at 18:15 PM
पहले तो वो हल्का सा मुस्कुराई और फिर खिलखिला कर हँस पड़ी
Submitted on 23 Jun, 2020 at 06:29 AM
आज भी वो याद उसे बेचैन कर देती थी, रात रात भर सोने नहीं देती थी
Submitted on 16 Jun, 2020 at 09:21 AM
मैं तो हस्तिनापुर की तरफ जा ही नहीं रही थी पहुँच कैसे सकती हूँ ?
Submitted on 19 May, 2020 at 11:42 AM
अंदर जाने के लिये मैंने कदम बढ़ाया ही था कि किसी की आवाज़ ने मुझे वहीं रोक दिया।
Submitted on 12 May, 2020 at 11:36 AM
वो अपने रास्ते पर आगे बढ़ गये और मैं उस रास्ते पर जो उन्होंने मुझे दिखाया था।
Submitted on 06 May, 2020 at 15:00 PM
जी मैं भी आपका मिशन कोरोना ग्रुप जोइन करना चाहती हूँ। क्या मैं आज से आ सकती हूँ?
Submitted on 16 Apr, 2020 at 09:55 AM
बचपन की दोस्त है सब जानती है फिर भी... ये अच्छा नहीं किया नीलिमा ने।
Submitted on 09 Apr, 2020 at 12:39 PM
ख़त को मोड़कर मैंने जेब में रख लिया। कुछ देर को सब कुछ ठहर सा गया।
Submitted on 04 Apr, 2020 at 09:59 AM