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अपने एहसासों से इन्हें लिखा है मैंने, मेरी ये दास्तान दुनिया को सुना देना! अपने एहसासों से इन्हें लिखा है मैंने, मेरी ये दास्तान दुनिया को सुना देना!
वैसे घर में चारपाई हूँ, बस दोहित की जाती हूँ, मैं एक नारी हूँ... वैसे घर में चारपाई हूँ, बस दोहित की जाती हूँ, मैं एक नारी हूँ...
खो गए हैं कहीं , मेरे बचपन के, वो सतरंगी पल...! खो गए हैं कहीं , मेरे बचपन के, वो सतरंगी पल...!
क्यों सोचती हो इक प्यार भरी नजर, वो तुम पर फेरे क्यों सोचती हो इक प्यार भरी नजर, वो तुम पर फेरे
विचारों का नहीं होगा उद्धार, होता रहेगा बलात्कार। विचारों का नहीं होगा उद्धार, होता रहेगा बलात्कार।
हृदय कोंपल मुरझाया है अधर न ये मुस्काया है आ जाओ अब कि बस तुम्हारी कमी है। हृदय कोंपल मुरझाया है अधर न ये मुस्काया है आ जाओ अब कि बस तुम्हारी क...