"कुछ यूं ही सीखा है जीने का सलिखा,खंजरों ने हसना सीखा दिया मंज़रो ने लिखना"
धक्का देकर आज भगाया, जानवर ही ठीक था मजदूर क्यों बनाया। धक्का देकर आज भगाया, जानवर ही ठीक था मजदूर क्यों बनाया।
लूट लिया इस देश को यारो ये राजनीत का साया है। लूट लिया इस देश को यारो ये राजनीत का साया है।
नहीं समाज सका उन्हें जो तेरी आँखें देखी मुझे पीना नहीं आता। नहीं समाज सका उन्हें जो तेरी आँखें देखी मुझे पीना नहीं आता।
फर्ज़ के बोझ ने बर्बाद कर दिया, अपनों की मोहब्बत ने आबाद कर दिया, फर्ज़ के बोझ ने बर्बाद कर दिया, अपनों की मोहब्बत ने आबाद कर दिया,
मैं तो मौत से खेलने वाला इंसान था मोहब्बत से रूबरू करवाया तुमने मैं तो मौत से खेलने वाला इंसान था मोहब्बत से रूबरू करवाया तुमने
इज्जत करलो इसकी तो ये जन्नत बड़ी सुहानी है,बे इज्जती नही सहेगी क्यों कि ये मर्दानी है। इज्जत करलो इसकी तो ये जन्नत बड़ी सुहानी है,बे इज्जती नही सहेगी क्यों कि ये मर्दान...
खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है। खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है।