बी.एड. और LL.B. लघुकथा हाइकु सम्पादक
कौतूहल और बेसब्री से उनके लिखे पत्र की मैं प्रतीक्षारत रहती। कौतूहल और बेसब्री से उनके लिखे पत्र की मैं प्रतीक्षारत रहती।
इस भयावह काल में माँ का आँचल आकाश सा है ! इस भयावह काल में माँ का आँचल आकाश सा है !
आँखें कुछ कहती हैं, जुबान से कही बातें सार्थक जब नहीं होती हैं।" आँखें कुछ कहती हैं, जुबान से कही बातें सार्थक जब नहीं होती हैं।"
क्या तेरा-मेरा गीता बाँटता चल, तू भी समय के साथ बहता चल। क्या तेरा-मेरा गीता बाँटता चल, तू भी समय के साथ बहता चल।
खुद रहती हूँ हरदम अभावों में मैं, पर देती हूँ सबको अभयदान मैं। खुद रहती हूँ हरदम अभावों में मैं, पर देती हूँ सबको अभयदान मैं।
सूना गलियारा जिन्दगी गुजरे बेमज़ा। पर्यावरण दिवस की दे देनी थी बधाई। सूना गलियारा जिन्दगी गुजरे बेमज़ा। पर्यावरण दिवस की दे देनी थी बधाई।
छल लेना ज्यादा आसान हो जाता है या छला जाना ज्यादा आसान है। छल लेना ज्यादा आसान हो जाता है या छला जाना ज्यादा आसान है।
अपने आगमन पर अभिमान मत कर, हर शै वक्त का निवाला है। अपने आगमन पर अभिमान मत कर, हर शै वक्त का निवाला है।
अच्छा! कुछ अंग्रेजी के शब्द तुम्हें भी जमने लगे हैं? अब हमें ना कहना हम अंग्रेजों संग अच्छा! कुछ अंग्रेजी के शब्द तुम्हें भी जमने लगे हैं? अब हमें ना कहना हम अंग्र...
होड़ लगी है कितना का कितना हसोत लें। होड़ लगी है कितना का कितना हसोत लें।