रजनी शर्मा अध्यापिका दिल्ली
बन मानव तू हितैषी और बन जा ! बेहतर इंसान।। बन मानव तू हितैषी और बन जा ! बेहतर इंसान।।
वैसे ही हम पृथ्वी का संरक्षण करेंगे प्रकृति को संसाधन गुल्लक से भरेंगे।। वैसे ही हम पृथ्वी का संरक्षण करेंगे प्रकृति को संसाधन गुल्लक से भरेंगे।।
मातृत्व की करूँ आराधना, माँ है शिव भक्ति।। मातृत्व की करूँ आराधना, माँ है शिव भक्ति।।
प्राण जाए पर वचन न जाए, महान वक्तव्य को हम जानें।। प्राण जाए पर वचन न जाए, महान वक्तव्य को हम जानें।।
हे मात भवानी, हे अम्बे रानी, ऐसा दो वरदान। हे मात भवानी, हे अम्बे रानी, ऐसा दो वरदान।
कर्मपथ पर चलना सिखाता, वाह रे! नीर तेरी अजब है कहानी।। कर्मपथ पर चलना सिखाता, वाह रे! नीर तेरी अजब है कहानी।।
अतः कविता हर युग में, हर अवस्था में गढ़ी जातीं, यही कविताएँ कहलातीं।। अतः कविता हर युग में, हर अवस्था में गढ़ी जातीं, यही कविताएँ कहलातीं।।
अँखियों के न होने पर , लाठी सहारा बन जाती है, कानों की आवाज़ न । अँखियों के न होने पर , लाठी सहारा बन जाती है, कानों ...
हिंदी की सुगंध बड़ी निराली है, मीठी , स्नेहिल और मतवाली है। हिंदी की सुगंध बड़ी निराली है, मीठी , स्नेहिल और मतवाली है।
गोरैया प्यारी मनोहर अनुपम मतवाली है, चीं चीं की नव उमंग से फैली उजियारी है। गोरैया प्यारी मनोहर अनुपम मतवाली है, चीं चीं की नव उमंग से फैली उजियारी है।