I'm rudraksh and I love to read StoryMirror contents.
कुछ खिले फूल भी अपनी जगह पर डगमगाने लगे कुछ खिले फूल भी अपनी जगह पर डगमगाने लगे
सीमा में बंध नहीं बल्कि इस प्रेम की वादी में खोकर कर मिलेगी सीमा में बंध नहीं बल्कि इस प्रेम की वादी में खोकर कर मिलेगी
इसका विस्तार था धरती से आकाश तक इसका विस्तार था धरती से आकाश तक
ठहरे हुए पानी सा था वह आदमी देखता था अपना सफर. ठहरे हुए पानी सा था वह आदमी देखता था अपना सफर.
ऐ जिंदगी रोज़ सुबह तू मुझे उठाती है सुबह एक नए दिन की शुरुवात कराती है. ऐ जिंदगी रोज़ सुबह तू मुझे उठाती है सुबह एक नए दिन की शुरुवात कराती है.
जब संस्कारों के तेल में भीग जलते हैं तो फैलाते हैं प्रकाश महक प्रेम! जब संस्कारों के तेल में भीग जलते हैं तो फैलाते हैं प्रकाश महक प्रेम...
अंत में शांत, स्थिर हो स्वयं में समाते छू ही लेते हैं अपने नए आरम्भ को। अंत में शांत, स्थिर हो स्वयं में समाते छू ही लेते हैं अपने नए आरम्भ को।
पश्चाताप के भारी धसते पत्थर शिकार के डर से आशा की ऊपर नीचे तैरती मछलियां! पश्चाताप के भारी धसते पत्थर शिकार के डर से आशा की ऊपर नीचे तैरती मछलिया...
रोज ढूंढता रहा चांद को वह अधूरा ही सही लौटकर आता रहा! रोज ढूंढता रहा चांद को वह अधूरा ही सही लौटकर आता रहा!
एक अंकुर कहीं से फूट गया जड़ो ने इस पत्थर में से भी कुछ सोख लिया! एक अंकुर कहीं से फूट गया जड़ो ने इस पत्थर में से भी कुछ सोख लिया!