#KILOIA
क्या है हम सभ्य? जला देते है किसी और की बेटी क्या है हम सभ्य? जला देते है किसी और की बेटी
हर रोज टुकड़ा टुकड़ा होते जाते हो, अमावस्या को बिल्कुल खो जाते हो, हर रोज टुकड़ा टुकड़ा होते जाते हो, अमावस्या को बिल्कुल खो जाते हो,
पिता की अंगुली थाम कर चला, बचपन मे कदम उठा कर चला। पिता की अंगुली थाम कर चला, बचपन मे कदम उठा कर चला।
मुझे ये लालच नहीं खूब मुझे धन मिले, ये करता हूँ मैं उसे पाने की धुन में मुझे ये लालच नहीं खूब मुझे धन मिले, ये करता हूँ मैं उसे पाने की धुन में
चलते रहे लिखने के सिलसिले कलम न रुके कभी पढ़ते रहे मेरी कविता सभी। चलते रहे लिखने के सिलसिले कलम न रुके कभी पढ़ते रहे मेरी कविता सभी।
रक्त रंजित मेरी सोचे, भारी मन संताप। दिल डोल रहा मेरा, देख के बढ़ता पाप। रक्त रंजित मेरी सोचे, भारी मन संताप। दिल डोल रहा मेरा, देख के बढ़ता पाप।
दिलों में रहे चाहत, न हो शिकवे-शिकायत, हर रात के बाद आए, हर रोज़ नया सवेरा। दिलों में रहे चाहत, न हो शिकवे-शिकायत, हर रात के बाद आए, हर रोज़ नया सव...
कब तक सहोगे तुम कायर बन ? जागो, जागो, जागो ! जागो तुम जागो। कब तक सहोगे तुम कायर बन ? जागो, जागो, जागो ! जागो तुम जागो।
चलो हम तुमसे किया वादा निभाते हैं तुम्हे लेकर सपनों की दुनिया में जाते हैं। चलो हम तुमसे किया वादा निभाते हैं तुम्हे लेकर सपनों की दुनिया में जाते हैं।
तुम्हारे नाम से आज भी धड़क उठता है दिल ! तुम्हारे नाम से आज भी धड़क उठता है दिल !