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आमंत्रित करेगा या शून्य से निकल शून्य में तिरोहित हो जायेगा।। आमंत्रित करेगा या शून्य से निकल शून्य में तिरोहित हो जायेगा।।
कुछ शब्द साथ चलते हैं कुछ भाव साथ चलते हैं। कुछ शब्द साथ चलते हैं कुछ भाव साथ चलते हैं।
नदियों को जहां देवी माना पत्थर है जहां पूजे जाते नदियों को जहां देवी माना पत्थर है जहां पूजे जाते
यही आगे बढ़ने की नई उम्मीद, नया हौसला देगी। यही आगे बढ़ने की नई उम्मीद, नया हौसला देगी।
बारिश की बूंदों को हथेली पर इकट्ठा किया तब। बारिश की बूंदों को हथेली पर इकट्ठा किया तब।
सवेरा तुम्हारा सांझ तुम्हारी रातें भी तुम्हारी मेरा क्या ? सवेरा तुम्हारा सांझ तुम्हारी रातें भी तुम्हारी मेरा क्या ?
सांसों से सांसों का उधार बाकी था धड़कनों का धड़कनों से प्यार बाकी था सांसों से सांसों का उधार बाकी था धड़कनों का धड़कनों से प्यार बाकी था
सदा के लिए अपना बना लेना तुम आकर।। सदा के लिए अपना बना लेना तुम आकर।।
मेरे लिए तुम्हारा मौजूद होना ही काफी है सदा के लिए अपना बना लेना तुम आकर।। मेरे लिए तुम्हारा मौजूद होना ही काफी है सदा के लिए अपना बना लेना तुम आकर।।
लौटते वक्त मायके से नयन भर जाते हैं। लौटते वक्त मायके से नयन भर जाते हैं।