शफाफ ए शबनम में छिपा शोला हूं तो कहीं इश्क़ के आग में तपता गोला हूं एक खयाल हूं शरारती, बेबाक ओ बदतमीज़ भी ज़हानियत की ताबीर नहीं, मोहब्बत का ज़लज़ला हू़
जहाँ इंसान तो है, पर जीना नहीं आया। जहाँ लुटती हर पल है असमत ज़नानी की। जहाँ इंसान तो है, पर जीना नहीं आया। जहाँ लुटती हर पल है असमत ज़नानी की।
कला की पास आउट है वो ........तसवीरें बनाती है । कला की पास आउट है वो ........तसवीरें बनाती है ।
पर क्या है परे हिजाब के या हम जानते है शहर ये कितना भी कहले दास्तान तुम्हारी पर क्या है परे हिजाब के या हम जानते है शहर ये कितना भी कहले दास्तान तुम्हारी
तुझे हासिल करने की नहीं कोई हसरत मेरी मुझे तो तुझको बस पाने की चाहत है तुझे हासिल करने की नहीं कोई हसरत मेरी मुझे तो तुझको बस पाने की चाहत है
क्या करूं मैं, कि आज बे मुझे शग़फ़ तेरे हर हिस्सों से मैं आज भी तुझसे प्यार करता हूँ। क्या करूं मैं, कि आज बे मुझे शग़फ़ तेरे हर हिस्सों से मैं आज भी तुझसे प्यार कर...
हर एक ज़र्रा इस जिस्म ओ रूह का ये कहता है ऐ "ज़लज़ला" तुझे नफरत करना नहीं आता है। हर एक ज़र्रा इस जिस्म ओ रूह का ये कहता है ऐ "ज़लज़ला" तुझे नफरत करना नहीं आता...
इस कदर जब दिल ये मेरा इश्क़ में तेरे खोता ताज्जुब है!!!! जानेजाना तुम्हें कुछ नहीं होत इस कदर जब दिल ये मेरा इश्क़ में तेरे खोता ताज्जुब है!!!! जानेजाना तुम्हें कुछ...
ये रात ढलेगी, सहर होगी ज़रूर, खिलेगा, प्यार हमारा। ये रात ढलेगी, सहर होगी ज़रूर, खिलेगा, प्यार हमारा।