' पेशे से नर्स जो हर किसी की नब्ज़ पकड़ता है!'
कैसा है ये मंज़र, ये कैसा बवाल है? बिना मुँह ढँके निकल सके कोई, क्या किसी की मजाल है कैसा है ये मंज़र, ये कैसा बवाल है? बिना मुँह ढँके निकल सके कोई, क्या किसी...
कभी मिलो चाय पर किसी सुबह, तुम्हें इतना निहारुँ कि शाम कर दूँ! कभी मिलो चाय पर किसी सुबह, तुम्हें इतना निहारुँ कि शाम कर दूँ!
कितनी मोहब्बत है हमें तुमसे काश ! हम तुम्हें ये बता पाते। कितनी मोहब्बत है हमें तुमसे काश ! हम तुम्हें ये बता पाते।
छोड़ दिया शहर तेरा, पर दिल से तुझे भुला न सका। छोड़ दिया शहर तेरा, पर दिल से तुझे भुला न सका।
या पाषाण सा दिल, ये जो इंतहा है क्यों सिमटती नहीं ? अब तू ही बता पिया। या पाषाण सा दिल, ये जो इंतहा है क्यों सिमटती नहीं ? अब तू ही बता पिया।
तसव्वुर के आईने में देखा हमने, चेहरा हिजाब का, तसव्वुर के आईने में देखा हमने, चेहरा हिजाब का,
हे, माँ। देखो ना, मैं तेरे लिए क्या लाया हूं ? ये मत समझना…. हे, माँ। देखो ना, मैं तेरे लिए क्या लाया हूं ? ये मत समझना….
ताज़गी ऐसी, जैसे पीली धूप निकाल बिखेर दिया हो फूलों में सहर ने अपनी जेब से। उनकी ताजी ताज़गी ऐसी, जैसे पीली धूप निकाल बिखेर दिया हो फूलों में सहर ने अपनी जेब से। ...