बेटा परियां नहीं होती
बेटा परियां नहीं होती
आज बगीचे की सफाई करवाई जा रही थी। मेरा माली, वैसे तो सब काम करता है सफाई, पानी डालना सब कुछ । जब आज मैं सामान लेने बाजार गई , तो मेरा बेटा उस माली के साथ काम कर रहा था। उसे गार्डेनिंग का शौक है। मैं जब घर लौटी तो देखा कि जो फूल का पेड़ दूसरे के घर की खिड़की में घुसा जा रहा था उसे छोड़कर , माली ने बाकी सारे पेड़ पौधो को छांट दिया है।
मैंने पूछा " भैया, इस पौधे को अपने नहीं छांटा ?"
माली बोला " नहीं भाभी"
मैंने कहा "क्यों नहीं छांट दिया, पड़ोसी गुस्सा होंगे, ऐसा अच्छा लगता है क्या ?
माली बोला "मगर , भाभी फूलों के पेड़ पर परियां रहती है।"
मैंने कहा "क्या भैया , कुछ भी!"
माली बोला " मैं अब चलता हूं"
मेरा बेटा खड़े होकर ये सारी बातें सुन रहा था। जैसे ही माली बाहर गया, वो दौड़कर आया और बोला " मां परी क्या होती हैं ?"
मैंने कहा " बस इतना सा सवाल, तुम इतना कम सवाल तो कभी नहीं पूछते, और कुछ पूछना है तो आंखें बंद कर के पूछ डालो!!"
बेटा बोला " मां मुझे उस माली अंकल ने बताया कि परियां फूल के पेड़ पर रहती हैं इसलिए परियों के घर को न काटना न तोड़ना चाहिए।"
मैंने कहा " बेटा , वैसे तो किसी भी पौधे को काटना नहीं चाहिए क्योंकि..."
मेरी बात खत्म होने से पहले ही वो बोल उठा " पौधों में जीवन होता हैं, वे हमें प्राण वायु देती हैं, इसलिए हमें पेड़ पौधो की रक्षा करनी चाहिए।"
मैंने कहा "अब मैं बोलूं"
उसने कहा " हां मम्मा बोलिए"
मैंने बोला " बेटा वैसे भी, किसी भी पौधे को हानि नहीं पहुंचाना चाहिए। प्राचीन काल में जब मनुष्य अज्ञानी हुआ करते थे, तो उन्हें पेड़ पौधो का आदर करना सिखाने के लिए, इस तरह की भूत , प्रेत और परियों वाली कहानी सुनाकर अज्ञानी लोगों को समझाया जाता था। परियां उन्हीं सब दंतकथाओं का हिस्सा है। तुमने इतिहास में पढ़ा है, कि जब मनुष्य आग का प्रयोग नहीं जानता था, तो आग देखकर डरता था , लेकिन जब आग का उपयोग करना सीख लिया तो डरना बंद कर दिया और आग का बेहतर इस्तेमाल करना सीख लिया।
बेटा, परियां या उनकी जादुएं कुछ नहीं होती। ये सारी बातें मिथक है। अगर सच में फूल के पेड़ पर परी होती तो , तुम्हारे स्कूल के पास, उस फूल के पेड़ के नीचे बैठा भिखारी , जिसे तुम रोज अपनी टिफिन से रोटी देते हो , क्या वो भिखारी उन परियों के जादू से अमीर नहीं हो जाता?"
बताओं!!
बेटा बोला " मां अपने , सही कहा परियां और जादू मिथ्या है, पेड़ में जीवन है , मगर परियां नहीं।"
( बच्चों को ऐसी कहानियां न सुनाएं , परियां नहीं होती और न ही जादू होता है। अपने बच्चों को सजग नागरिक बनाएं, विज्ञान सम्मत सोच उनके भीतर भरें, न कि किसी भी प्रकार की अस्वाभाविक कहानी। बच्चे छोटे हैं आज मगर कल इनके कंधों पर ही देश का भार होगा। अतः भारतवर्ष को आप एक बेहतर नागरिक दीजिए, ये आपका भी नागरिक कर्तव्य है। मैं एक लेखिका होने के नाते आपके विश्वास को ठेस नहीं पहुंचाती , मगर विज्ञान सम्मत सोच होना भी अति आवश्यक है।)