ग्रेस पीरियड
ग्रेस पीरियड
डिंग डांग
दरवाजा खुलते ही गुप्ता जी बोले "भाभी नमस्ते,"
"नमस्ते भाई साहब..." श्रीमती शर्मा ने कहा
"भाभीजी, किसकी तबीयत खराब है? अभी आपके घर से डाक्टर को जाते.......सोचा, कुछ चाहिए तो......।" गुप्ता जी ने पूछा
"इन्हें सुबह से घबराहट हो रही थी..... बी.पी. बढ़ा हुआ है.... दवाई दी है डाक्टर ने..... हमेशा वजन कम करने का कहता..... आप ही समझाओ....।" श्रीमती शर्मा कहते हुए उन्हें बेडरूम तक ले गईं
पास रखी कुर्सी पर बैठते हुए कहने लगे "मैं तो रोज कहता हूँ मेरे साथ सुबह- शाम घूम...... ये माने तब ना...."
"यार अपने शरीर की देखभाल कर.... सुबह जल्दी उठ पानी पी और वाक कर..... बढिया पेट साफ.... शक्ति हो तो थोड़ा व्यायाम कर.... ना हो तो सुखासन में बैठकर प्रभु स्मरण, प्राणायाम कर या ध्यान कर.....।"
"ये बी.पी.- वी.पी. सब ठीक हो जाएगा.....।" चुटकी बजाते हुए गुप्ता जी बोले
पास खड़ी श्रीमती शर्मा मुस्कुरा रही थीं
"भाई अब तुम, मैं, भाभीजी, हम सब अपनी औसत आयु ( एवरेज ऐज) जी चुके हैं अब जो चल रहा है ये मुहलत अवधि ( ग्रेस पीरियड ) है...... इसे धीरे- धीरे आगे बढ़ाते चलो...."
"यार सीधे- सीधे बता कैसे....?" शर्मा जी ने लेटे- लेटे पूछा
"भाई,अपने शरीर को जैसा रखोगे ये वैसे चलेगा.... जैसे तुम अपनी गाड़ी को साफ़- सफाई से रखते हो ज़रा सी खराबी होने पर उसे रिपेयर करवाते हो, ब्रेक, आइल चेक करवाते हो...... ठीक वैसे.... "
"अपना तो यही उसूल है, सुबह राजा की तरह, दोपहर आम आदमी और रात को भिखारी जैसे खाना .....।" गुप्ता जी ठठाकर हँसने लगे
"यार तू सीधे से डाईट प्लान क्यों नहीं बता देता ...।"शर्मा जी ने पूछा
"सुबह हल्का नाश्ता साथ में फ्रूट या जूस ..... हटा ये चाय कॉफ़ी....."
"क्यों चाय काफी क्यों नहीं....?" शर्मा जी ने बात काटते हुए पूछा
"चाय काफी से हानिकारक अम्ल बनता है... शरीर को क्षारीय होना चाहिए....।"
"दोपहर में भर पेट खाना खाओ दाल- चावल, रोटी- हरी सब्ज़ी, सलाद, मीठा जो खाना हो खाओ..... साथ में छाछ ..... संभव हो तो खाने से पहले और बाद में वज्रासन करो...।"
कुछ रुककर गुप्ता जी फिर बोले.. "रात में हो सके तो हल्का भोजन लो वो भी सोने से कम से कम 3 घंटे पहले..... मतलब सोने से पहले खाना हजम....... बस, थोडी मेहनत करनी पड़ेगी...... वजन और तबीयत दोनों दुरुस्त हो जाएंगे...."
"मतलब सोने से पहले कुछ नहीं....?" शर्मा जी ने फिर पूछा
"सोने से पहले गुनगुना दूध लो..... हाँ,.दिनभर पानी खूब पियो..... ।"
श्रीमती शर्मा ने शायद गुप्ता जी बातें सुन ली थीं इसलिए चाय के स्थान पर एक ट्रे में नींबू पानी के तीन गिलास लिए आ रही थीं.....।