अपना दोस्त
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"माँ मैं इस पौधे को कहाँ रोप दूँ " राकेश ने अपने साथ में कहीं से लाए हुए एक छोटे से पौधे को अपने नन्हे से हाथों में लिए माँ से पूछा
"राकेश ये क्या है तूने इसे क्यों उखाड़ के ले आया I देखो ये कितना छोटा है सिर्फ तुम्हारी तरह, अब तुम इसे इसके बड़े होते तक देख भाल करोगे तब ये बढ़ पाएगा और ये पवित्र पौधा है I इसे हमारे धर्म में पूजा करते हैं अतः अच्छी जगह पर लगाना ताकि किसी को परेशानी न हो रोड से दूर लगाना I" राकेश की माँ ने अपने बेटे को कहा.
"मां ये कौन सा पेड़ है।" राकेश ने पूछा
माँ ने कहा-"ये पीपल है बेटा ये आगे बढ़ कर बहुत बड़ा पेड़ बनेगा.य़ह सालों सालों तक जिंदा रहता है, आज से सौ दो सौ साल पहले के पीपल, और बरगद आज भी ज़िन्दा है कहा जाता है युगों पहले के ये पेड़ आज भी कहीं कहीं हैं सबसे बड़ी बात तो ये है कि पीपल और बरगद हमे सबसे ज्यादा आक्सीजन देते हैं I
"और इसे पूजा भी करते हैं न माँ "राकेश ने पूछा
माँ राकेश को समझाते हुए बोली "हाँ हमारे भारतीय धर्म में पीपल को विष्णु का रूप मानते हैं. शनिदेव को मनाने तथा आदमियों के मृत्यु पर आत्मा के शान्ति के लिए इस पेड़ के नीचे पूजा किया जाता है I हमारे हिन्दू लोग रोज इसके जड़ में पानी डाल कर पूजा करते हैं जिससे पाप का खंडन होता है I "
"तब तो ये पवित्र पेड़ है " माँ " मैं तो इसके पके फल खाता हूं बहुत मीठे होते है " राकेश ने बीच में कहा
माँ ने आगे फिर बताई "इसका फल केवल हम ही नहीं खाते हैं बल्कि पशु पक्षी भी अपना भोजन के रूप में इसे खाते हैं तथा इस पर घोसला बना कर रहते हैं I तथा दिन भर कलरव करते रहते हैं I"
"माँ तब तो मैं हर वर्ष दस पौधे लगाऊंगा"। राकेश ने कहा।
" इतना ही नहीं बेटा ये हरियाली से मना को शांति देते हैं इसकी छांव में सब बैठ कर आराम करते हैं प्रकृति का संतुलन भी इन्ही के कारण रहता है" माँ ने कहा I
"और एक बात इसकी देख भाल हमेशा करना किसी को काटने मत देना I जाओ जल्दी लगा कर आओ I ये आज से तुम्हारा दोस्त है" मां ने अपने बेटे को एक नेक काम करने के लिए भेज दिया !