उत्सव लोकतंत्र का ?
उत्सव लोकतंत्र का ?
देशवासीओ, मतदाता सारे
उठो उठो चलो चलो
उत्साह से मतदान करे
जमके मनाए उत्साह से
चुनाव नही केवल ये
लोकतंत्र का उत्सव है
वाह वाह क्या कहते हो
सही मे ? उत्सव है ?
वो भी लोकतंत्र का ?
लोगों का ? लोगों के लिए ?
देश का ? देश के लिए ?
सच मे ?
पर ! लोग, देश है कहाँ ?
इधर तो होड़ लगी है,
कुर्सी की , सत्ता की !
आज, निष्ठा माने कुर्सी
इधर नहीं तो उधर सही
पर कुर्सी तो मिलेगी
देखो कुर्सीतंत्र , ये है सत्तातंत्र
बस एक दिन का, उत्सव लोकतंत्र !
गर्म है मुद्दा बस यही
कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?
किसकी सरकार होगी ?
कहीं परीवार, विरासत
सालों का था राज
सत्ता ना छोड़ेंगे
फिर सरकार बनाएंगे
तो किसी का, सालों का सपना
अब की बार हमारी सरकार
हमारा ही प्रधानमंत्री !
सत्ता ना छोड़ेंगे
फिर सरकार बनाएंगे
इस सब में हम कहाँ ?
लोग, देश है कहाँ ?
लोकतंत्र का नहीं ये
सत्तातंत्र का उत्सव है
घर बनाते, बच्चे पढाते
निकलगयी आधी कमाई
गुजरगयी आधी जिंदगी
बाकी बची अस्पताल में .
क्या घर आराम से बनते ?
मिलती शीक्षा सस्ती ?
अस्पताल तो मर रहे है
वो क्या हमे बचाएंगे !
कचेहरी अभी भी
लगती विदेशी
बिन रिश्वत, सिफ़ारिश
मिले ना जन्म-मृत्यु पत्र
मिटा भ्रष्ट्राचार, मिटे बदमाश ?
बस बदले चेहरा , बदले हैं नाम
इ स सब में हम कहाँ ?
लोग, देश है कहाँ ?
लोकतंत्र का नहीं ये
सत्तातंत्र का उत्सव है.