बदलाव
बदलाव
बदलाव
उन्होंने कहा
बदलाव ज़रुर आयेंगे
हर घर की चूल्हे मे
आशाऐं जलेंगे
उमीदों की लकड़ियाँ होगी
और जज़्बातों की तेल....।
उन्होंने ये भी कहा
भर पेट खाना मिलेगा
सुबह गर्मी धूप
बिना छत की
दोपहर को सूखा नल
और खाली कटोरा
रात को अनगिनत तारों वाली चादरेँ
और सपने नई सुबह की.....।
उन्होंने ये वादा किया है
ज़मीन सूखने से पहले
हर घर में चावौल होगी
खेतिओं में मीनारें बनेंगे
कई बादशाहों की ताजमहल बनेंगे..।
ईंट पत्थरों को
गिनने की ख़ुशी मिलेंगी
रेत से बच्चे घर बनाऐंगे
और यक़ीन न आये
तो उन्हें पूछ लेना
धरती रंगीन इमारतों की
महफिल बनेगी
जिसका नीम मेरी माँ (धरती )
की ज़िंदा लाश होगी......।।