नागपंचमी
नागपंचमी
नागपंचमी
का दिन आया।
खुशियो को भी
साथ मे लाया है ।
नागदेवता को
सभी पूजते ।
दर्शन करते
शुभ मानते ।
यही मान्यता
बुजुर्गो न सिखाई ।
यही राह सबको
बतलाई ।
हमारे बुजुर्ग
सभी मानते ।
नागदेवता को
दूध पिलाते।
सपेरे घर घर में
जब आते थे ।
नागपंचमी की
खुशियाँ मनाते ।
रोटी चांवल आज
घर में नही बनाते ।
दाल बाटियाँ
बनाकर खाते ।
पूड़ी सिमइयाँ
भजिया गुलगुला
ऐसे ही पकवान
बनाकर नागपंचमी
की खुशियाँ मनाते ।
पहलवान अखाड़ो मे
प्रति द्वन्दी से खुशी
खुशी कुश्ती लड़ते है
हार जीत जिसकी होती
आपस में गले मिलते है ।
जो भी जीतते इस कुश्ती में
जीत का पुरूस्कार वो पाते है ।