किसान कैसा
किसान कैसा
ये कैसा
किसान है
जो खेतो मे
मेहनत करता है
खून पसीना बहाता है
तभी तो शाम को
दाल रोटी खाता है
ये वो किसान नही है
जो सड़को पर
आन्दोलन कर रहा है
अंजान लोगो की
सम्पत्ती जला रहा है
हाइवे जामकर आम
यात्रियो को मुसीबत
पैदा कर रहा है
ट्रको बसो मे
आग लगा रहा है
ये तो किसान के
भेष मे कोई और
ही समझ मे आते है
खरीदे हुये गुण्डे
भी हो सकते है
जो सीधे साधे किसानो
को बदनाम कर रहे है
किसानो की आड़ मे
अपना उल्लू
सीधा कर रहे है
और किसानो को
बदनाम कर रहे है
खेतो का किसान
जो पसीना बहाता है
आगजनी तोड़फोड़
नही कर सकता है
किसान तो बस
सीधा साधा सच्चा
किसान होता है ।