श्रम
श्रम
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श्रमीकांचे श्रम। जाणावे मानावे
माणुस म्हणून। हो जपावे।।१।।
श्रम ज्याचे जैसे। त्यासी मोल तैसे
मिळावे हो सदा।श्रमिकास ।।२।।
कष्टकऱ्याचे हो। शारीरिक श्रम
मातीचे हो मोल । जाणे सदा।।३।।
शिक्षकाचे श्रम। बौद्धिक सर्तक
आदर्श सर्वांचा। सदा जाणा।।४।।
वैद्याचे हो श्रम।रोगावर योग्य
तपासणीतच। असे जाणा ।।५।।
संरक्षण सदा। सतर्क दक्षता।।
पोलीसांचे श्रम।असे जाणा।।६।।
श्रम कुणाचेही। व्यर्थ न जावो
प्रभूच्या चरणी ही प्रार्थना।।७।।
