माय माऊली
माय माऊली
1 min
519
माय माऊली तू। प्रेमाचा सागर
दयेचा आगर। लेकरास।।१।।
जगाचा आरसा। तू दावला मज।
तुजमुळे जग। मी पाहिले।।२।।
संसार आरास। मांडली जीची ही।
धडपड सदा। घरासाठी।।३।।
घरादारासाठी। तडजोड सदा।
आयुष्य वाहते। माय माझी।।४।।
जन्मदात्री माझी। कुटुंबाची छाया।
लेकरांस माया।हवी सदा।।५।।
माय काव्य धारा। माझे काव्य रूप।
अर्पिते कविता। तुजवर।।६।।
