लेखक : सिर्गेइ नोसव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : सिर्गेइ नोसव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
दरवाजे से अंदर आती माॅ॑ की आंखों पर पड़ा बेटी-प्रेम का पर्दा उतर चुका था। दरवाजे से अंदर आती माॅ॑ की आंखों पर पड़ा बेटी-प्रेम का पर्दा उतर चुका था।
कागजों पर हस्ताक्षर किए और फिर धीमे कदमों से चलते हुए बाहर आ गया। कागजों पर हस्ताक्षर किए और फिर धीमे कदमों से चलते हुए बाहर आ गया।
मैं फिर इस धरती पर नहीं आना चाहता। मैं फिर इस धरती पर नहीं आना चाहता।