जीवन का वीराना अब प्रेम के उजालों से रौशन था। खामोशियों को स्वर मिल गये थे। जीवन का वीराना अब प्रेम के उजालों से रौशन था। खामोशियों को स्वर मिल गये थे।
उस वक़्त अगर तुमने उनकी ऑफर का स्वीकार किया होता तो तुम भी अमरीका में होते उस वक़्त अगर तुमने उनकी ऑफर का स्वीकार किया होता तो तुम भी अमरीका में होते
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
जागने के बाद यह मेरी मधुर अनुभूति किसी कटु यथार्थ में गुम ना हो जाए … जागने के बाद यह मेरी मधुर अनुभूति किसी कटु यथार्थ में गुम ना हो जाए …
भाईसाहब, पता नहीं आपको अफसर किसने बना दिया ? अरे, मैं विधाता की बात कर रहा हूं। भाईसाहब, पता नहीं आपको अफसर किसने बना दिया ? अरे, मैं विधाता की बात कर रहा हूं।
बाद में तो स्थिति ऐसी हो गई कि लोग भूल गए कि जूही चावला भी कभी एक अभिनेत्री हुआ करती थी बाद में तो स्थिति ऐसी हो गई कि लोग भूल गए कि जूही चावला भी कभी एक अभिनेत्री हुआ ...