अब तो सोच ही सकती है गुजरा वक़्त तो वापस आ नहीं सकता था । क्यों, आखिर क्यों हम जीते जी य अब तो सोच ही सकती है गुजरा वक़्त तो वापस आ नहीं सकता था । क्यों, आखिर क्यों हम जी...
“शाल ओढ़ लो ” शाल देते हुये वो बोली , मीठी आवाज़ फिर से । "ले लो उतरने पर दे देना ।" “शाल ओढ़ लो ” शाल देते हुये वो बोली , मीठी आवाज़ फिर से । "ले लो उतरने पर दे देन...
संभावित खतरे को भाँपकर मनचले तुरंत इधर उधर खिसक लिये। संभावित खतरे को भाँपकर मनचले तुरंत इधर उधर खिसक लिये।
न ही झुकेगी...वह हर तूफान का सामना पूरी दिलेरी से करेगी। न ही झुकेगी...वह हर तूफान का सामना पूरी दिलेरी से करेगी।
“बहुत देर से सब जग रहे हैं, सोये नहीं, तुम्हारा ही राह देख रहे थे, भैया” “बहुत देर से सब जग रहे हैं, सोये नहीं, तुम्हारा ही राह देख रहे थे, भैया”
याद है मुझे वो दिन जब मैं कागज कलम लेकर बैठी थी ,तब मैं नौवीं कक्षा में थी । बचपन से क याद है मुझे वो दिन जब मैं कागज कलम लेकर बैठी थी ,तब मैं नौवीं कक्षा में थी । ...