रुकिये ज़रा पानी पी लूँ, बातें करते करते गला ही सूख गया। रुकिये ज़रा पानी पी लूँ, बातें करते करते गला ही सूख गया।
अब मेरी बारी थी, मैं अपनी और उनके अपने घर की कमी भरूँ। अब मेरी बारी थी, मैं अपनी और उनके अपने घर की कमी भरूँ।
आलसी निकम्मे और दुष्ट लोगों को सहयोग नहीं देना चाहिए आलसी निकम्मे और दुष्ट लोगों को सहयोग नहीं देना चाहिए
एक फौज़ी की पत्नी विधवा नहीं होती वो तो सदा सुहागन रहती है। उस से भाग्यशाली औरत कौन होगी जिसका पति अ... एक फौज़ी की पत्नी विधवा नहीं होती वो तो सदा सुहागन रहती है। उस से भाग्यशाली औरत ...