" जो लोग सीट पर बैठे हैं ,उनसे माँगो।" उसने मेरी बात का उसी अंदाज़ में जवाब दिया, " ये तो कर्म की बात... " जो लोग सीट पर बैठे हैं ,उनसे माँगो।" उसने मेरी बात का उसी अंदाज़ में जवाब दिया,...
किसी रोज़ रेल से सफर कीजिये, भरोसा घड़ी भर में हर कहीं है। किसी रोज़ रेल से सफर कीजिये, भरोसा घड़ी भर में हर कहीं है।
जैसे तैसे करके हरिया ने घर बैठकर प्याज और चटनी से बच्चों को रोटी खिलाई जैसे तैसे करके हरिया ने घर बैठकर प्याज और चटनी से बच्चों को रोटी खिलाई
उसके बेसुध होठ धीरे से बस इतना ही बुदबुदा पाये-“मेरा तो रिज़र्वेशन था न!” उसके बेसुध होठ धीरे से बस इतना ही बुदबुदा पाये-“मेरा तो रिज़र्वेशन था न!”