पर आज वह बदनाम है पर आज वह बदनाम है
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
धंधा तो मर्द करते करवाते हैं तो बदनाम औरत क्यों? धंधा तो मर्द करते करवाते हैं तो बदनाम औरत क्यों?
कल को मेरी शादी होगी तो यहां भी वही सब चलेगा। हो सकता है मेरी पत्नी दीदी की तरह न हो कल को मेरी शादी होगी तो यहां भी वही सब चलेगा। हो सकता है मेरी पत्नी दीदी की तरह ...
असली दीवाली यही है, जो गरीबो के चेहरों पर 'सच्ची मुस्कान' लाए।" असली दीवाली यही है, जो गरीबो के चेहरों पर 'सच्ची मुस्कान' लाए।"
मुझे अंदाजा लग जाता है की सत्य क्या है असत्य है और क्या अर्धसत्य है मुझे अंदाजा लग जाता है की सत्य क्या है असत्य है और क्या अर्धसत्य है