उसके बाद मैं पूरे रास्ते इसी उम्मीद में खुश होती आई की अब हम अलग नहीं हुए है। उसके बाद मैं पूरे रास्ते इसी उम्मीद में खुश होती आई की अब हम अलग नहीं हुए है।
अंजली तुम कैसी हो? कहाँ थी तुम? सुबह से मैं पागलों की तरह तुम्हें ढूंढ रहा हूँ अंजली तुम कैसी हो? कहाँ थी तुम? सुबह से मैं पागलों की तरह तुम्हें ढूंढ रहा हूँ
पागलों की तरह दीपू को ढूंढ ढूंढ कर दोनों बेहाल हो चुके थे। पागलों की तरह दीपू को ढूंढ ढूंढ कर दोनों बेहाल हो चुके थे।
अरे इतने बड़े साहब को आखिर इस नाली के कीड़े की क्या जरूरत पड़ गयी। अरे इतने बड़े साहब को आखिर इस नाली के कीड़े की क्या जरूरत पड़ गयी।