अपनी आंखों से उसे घर से बाहर जाते देख लेने के बाद बच्चों की चेतना लौटी। अपनी आंखों से उसे घर से बाहर जाते देख लेने के बाद बच्चों की चेतना लौटी।
क्योंकि उस भटकती हुई आत्मा को मुक्ति मिल गई थी। क्योंकि उस भटकती हुई आत्मा को मुक्ति मिल गई थी।
क्या कबीर रो रहा था? क्या ये खुशी के आंसू थे जो अकस्मात मिली खुशी से छलक आए थे? क्या कबीर रो रहा था? क्या ये खुशी के आंसू थे जो अकस्मात मिली खुशी से छलक आए थे?