याद रखें कि सूरज को फिर से जलाने की ज़रूरत नहीं है।" याद रखें कि सूरज को फिर से जलाने की ज़रूरत नहीं है।"
तू तो मेरी माँ,बहिन ,बेटी ,सहेली सबकुछ है तू तो मेरी माँ,बहिन ,बेटी ,सहेली सबकुछ है
माँ पता नहीं क्यों अन्वी कहती हैं कि आप और पापा जी उसे कम प्यार करते हो माँ पता नहीं क्यों अन्वी कहती हैं कि आप और पापा जी उसे कम प्यार करते हो
"बेटा, मैं तो सामान बदलती हूँ पर तुम तो भाव बदलते हो।" "बेटा, मैं तो सामान बदलती हूँ पर तुम तो भाव बदलते हो।"
पता नहीं बाकी सब की परफेक्ट कैसे बनती है ? पता नहीं बाकी सब की परफेक्ट कैसे बनती है ?
लेखक: मिखाईल जोशेन्का अनु.: आ. चारुमति रामदास। लेखक: मिखाईल जोशेन्का अनु.: आ. चारुमति रामदास।