आज जो भी मैं हूँ वह उस डायरी से कहीं आगे निकल चुकी हूँ आज जो भी मैं हूँ वह उस डायरी से कहीं आगे निकल चुकी हूँ
क्या तुम्हें पता नहीं है कि आज निशा का विवाह पास वाले बड़े मंदिर में हो रहा है। क्या तुम्हें पता नहीं है कि आज निशा का विवाह पास वाले बड़े मंदिर में हो रहा है।
तब नेहा को समझ आया कि एक अच्छा टीचर क्या होता है तब नेहा को समझ आया कि एक अच्छा टीचर क्या होता है
वह समझ चुका था कि अहिंदी भाषी होना भी किसी अभिशाप से कम नहीं । वह समझ चुका था कि अहिंदी भाषी होना भी किसी अभिशाप से कम नहीं ।