एक प्रेम के सबक़ के साथ, जहाँ से चलकर वो कोर्ट रूम पहुँचे थे। एक प्रेम के सबक़ के साथ, जहाँ से चलकर वो कोर्ट रूम पहुँचे थे।
"बंद करो ये व्यंग बाण छलनी हो गई हूं सुनते सुनते" ! "बंद करो ये व्यंग बाण छलनी हो गई हूं सुनते सुनते" !
आज उसकी अपवित्र देह की ओर नज़र उठाकर देखना भी पाप समझ रहे थे आज उसकी अपवित्र देह की ओर नज़र उठाकर देखना भी पाप समझ रहे थे