पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते। पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते...
उसका खामियाजा पूरे मानव समाज को भुगतना पड़ सकता है। उसका खामियाजा पूरे मानव समाज को भुगतना पड़ सकता है।
ईश्वर से यही प्रार्थना है कि सबकुछ ठीक हो जाए और हम पुनः स्वच्छंद होकर इस जगत में विचर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि सबकुछ ठीक हो जाए और हम पुनः स्वच्छंद होकर इस जगत मे...
तब तो निश्चय ही खतरनाक है तब तो निश्चय ही खतरनाक है
इनमें डूबना भी खतरनाक है इसलिए सावधानी से तैरना ही एक मात्र उपाय है। इनमें डूबना भी खतरनाक है इसलिए सावधानी से तैरना ही एक मात्र उपाय है।
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास