मेरे लिए ऐसा पारस हैं वो..... छूकर जिन्हें मैं तो कंचन हुई। मेरे लिए ऐसा पारस हैं वो..... छूकर जिन्हें मैं तो कंचन हुई।
अपनी अनाप सनाप जरूरतों हेतु खर्च करते।गांव मेंं अमूमन शांति का माहौल कायम था। अपनी अनाप सनाप जरूरतों हेतु खर्च करते।गांव मेंं अमूमन शांति का माहौल कायम था।
यदि एकांकी ही जीना होता तो ये जीवन कितना सरल था। यदि एकांकी ही जीना होता तो ये जीवन कितना सरल था।
हमारे यहाँ छल कपट और द्वेष नहीं है सब के सब प्यार से ही रहते हैं हमारे यहाँ छल कपट और द्वेष नहीं है सब के सब प्यार से ही रहते हैं