और चल पड़ी नई सुबह का आगाज करने । और चल पड़ी नई सुबह का आगाज करने ।
वैसे भी घरवालों की चाहत, समाज के दोहरे मानदंड, स्त्री-पुरूष असमानता की आज वो तेरहवीं मना चुकी थी।। वैसे भी घरवालों की चाहत, समाज के दोहरे मानदंड, स्त्री-पुरूष असमानता की आज वो तेर...
माँ की आँखों से झर-झर आँसू बहने लगे । उसने साड़ी के पल्लू से आँसू पोछते हुए कहा कि वाकई मेरी बिटिया ... माँ की आँखों से झर-झर आँसू बहने लगे । उसने साड़ी के पल्लू से आँसू पोछते हुए कहा ...
एक और खास बात घर के जितने भी बड़े है सब के सब हम से ही अपने छोटे बड़े काम निकलवाते हैं एक और खास बात घर के जितने भी बड़े है सब के सब हम से ही अपने छोटे बड़े काम निकलवाते...