मेरी आवाज़ तो सुनो माँ मेरी आवाज़ तो सुनो माँ
दु:खवाद से लदी चिल्ला-चिल्ला कर मेरी कहानी के हर पन्ने से आर्तनाद उठता है। दु:खवाद से लदी चिल्ला-चिल्ला कर मेरी कहानी के हर पन्ने से आर्तनाद उठता है।
अकेली ही जा कर झूले पर बैठ यादों के झोंको से खुद को झुलाने लगी। अकेली ही जा कर झूले पर बैठ यादों के झोंको से खुद को झुलाने लगी।
कन्या-भूण का विचार भी बना रहे माता-पिता को समर्पित एक सदृश्य रचना (रचना में चित्र के साथ यात्रा करें... कन्या-भूण का विचार भी बना रहे माता-पिता को समर्पित एक सदृश्य रचना (रचना में चित्...
अपनी अजन्मी बच्चियों से एक और बार माफी मांग कर वह पूजा में सम्मिलित होने के लिए चल दी। अपनी अजन्मी बच्चियों से एक और बार माफी मांग कर वह पूजा में सम्मिलित होने के लिए ...
सबके दबाब में शालिनी को अपनी अजन्मी बेटी को खोना पड़ा। उसका दर्द कोई समझ ही नहीं पाया। सबके दबाब में शालिनी को अपनी अजन्मी बेटी को खोना पड़ा। उसका दर्द कोई समझ ही नहीं...