वसूली

वसूली

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हाथ बढ़ाकर उसने गाड़ी की चाबी निकाली और अक्षय को एक ओर आने का इशारा किया।

"बरखुरदार आपने हेलमेट नहीं पहना है। पाँच सौ रुपये की रसीद बनेगी।"

अक्षय बिना कुछ कहे उसे देख रहा था। लाओ निकालो पाँच सौ रुपये। उँगली का इशारा करते हुए वह बोला।

अक्षय ने जेब से ज्यों ही पाँच सौ का नोट निकाला, काॅन्स्टेबल नोट के लिये लपका ---अक्षय ने अपना हाथ पीछे खींच लिया - "रसीद ?"

काॅन्स्टेबल सकपकाया- " र् र् रसीद !

फिर जोर से साथ वाले सिपाही से पूछा - "रसीद बुक है?" (उसने इंकार में मुंडी हिलाई ) - "वो रसीद तो थाने से लाना पड़ेगा। ऐसा करो सौ रुपये दे दो।"

"नहीं सौ तो नहीं दूँगा, आप रसीद ले आओ"- अक्षय बोला।

चाबी बढ़ाते हुए वह अक्षय की गाड़ी में बैठते हुए बोला - "चलो गाड़ी स्टार्ट करो।"

"मेरी गाड़ी में नही" - अक्षय बोला। खीजते हुए काॅन्स्लटेब ने अपनी गाड़ी स्टार्ट की तो अक्षय पीछे जा बैठा -"तुम कहाँ ?" -वह बड़बड़ाया

"तुम नहीं लौटे तो ?" बोलते हुए अक्षय ने चलने का संकेत किया।

अक्षय ने रसीद ले कर पाँच सौ का नोट उसके हाथ में थमाया और चाबी खींचते हुए गाड़ी की ओर बढ़ गया।

तभी काॅन्स्टेबल ने सामने खड़े लड़के के गाल पर जोरदार चाँटा रसीद किया।



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