वो तुम हो (पार्ट-11)
वो तुम हो (पार्ट-11)
प्यारे रीडर्स,
अभी तक आपने पढ़ा कि अंजलि और मयंक अपने दोस्तों की मदद से राघव को रागिनी के लिए उसके प्यार का एहसास करवाने और उन दोनों को साथ करने के लिए अपनी कोशिशों में लगे हुए हैं। अंजलि को आयुष के लिए जानकर एक तरफ जहाँ दुःख हो रहा था वहीं दूसरी तरफ वो ये सोचकर खुश थी कि आयुष अपने प्यार की इज्ज़त करता है। मयंक आयुष की वजह से थोड़ा परेशान है क्योंकि उसने देखा आयुष अंजलि के बहुत नज़दीक है। अंजलि ने खुद भी उससे कहा था कि आयुष उसके लिए दोस्त से भी ज्यादा है। सभी दोस्त उम्र के जिस पड़ाव में है, शायद सभी के लिए प्यार और इश्क को जानना और समझना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन आयुष, अंजलि और मयंक के लिए अपने प्यार की परिभाषा सबसे अलग है। आइये अब आगे पढ़ते हैं:-
अगली सुबह कॉलेज में राघव सबसे पहले पहुँच गया था। वो शुभम को ढूँढ रहा था लेकिन शुभम अभी तक कॉलेज नहीं पहुँचा था। तभी अंजलि भी कॉलेज पहुँच गई और राघव के पास से जाने लगी तो राघव ने ही उसे हेलो कहा। अंजलि ने भी मुस्कुराकर हेलो कहा और आगे जाने लगी तो राघव ने उसे रोकते हुए कहा अंजलि थैंक यू! अंजलि रुकी और कहने लगी थैंक यू किसलिए? वो तुमने रागिनी को समझाया उसके लिए, वो बहुत अच्छी लड़की है। अंजलि ने सुना तो कहा हाँ बहुत अच्छी है, जिस लड़के से उसकी शादी होगी वो बहुत खुशनसीब होगा। राघव ने सुना तो अंजलि की तरफ बिना देखे ही कहने लगा अंजलि वो शायद शुभम भी उसे पसंद करता है लेकिन वो रागिनी के लिए ठीक नहीं है तुम प्लीज रागिनी को समझा देना कि शुभम से थोड़ा दूर ही रहे। ये सब कुछ राघव एक साँस में ही बोल गया। अंजलि ने कहा तुम्हें उससे क्या? उसकी फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है। मैं हूँ उसके साथ और वैसे भी मुझे तो शुभम में कोई बुराई नहीं दिखाई देती। राघव कुछ कहने को हुआ तभी रागिनी और रिया वहाँ पहुँच गए, तो राघव चुप हो गया। सबने एक-दूसरे को हेलो कहा। राघव की नज़र रागिनी पर पड़ी तो वो उससे अपनी नज़रें नहीं हटा पाया था। आज रागिनी ने वाइट चूड़ीदार सूट पहना हुआ था, कानों में छोटी-छोटी सी सिल्वर बालियाँ पहनी हुई थी। आँखों में गहरा काजल और होठों पर हल्की लिपस्टिक लगाई हुई थी। इस परफेक्ट इंडियन लुक में वो बहुत सुंदर लग रही थी और रोज से कुछ अलग भी लग रही थी।
राघव को रागिनी की तरफ ऐसे देखता पाकर अंजलि मन ही मन मुस्कुराई और उसने आगे बढ़कर रागिनी को गले लगाते हुए कहा हे रागिनी हैप्पी बर्थडे डिअर! हैप्पी बर्थडे सुनकर रागिनी चौंक गयी तब तक उसे रिया ने भी कहा हैप्पी बर्थडे रागिनी तुमने बताया नहीं कि आज तुम्हारा बर्थडे है! रागिनी कुछ कहने को हुई तभी राघव भी बोल पड़ा हैप्पी बर्थडे रागिनी! रागिनी ने सुना तो उसे बहुत अच्छा लगा और उसने मुस्कुराते हुए राघव को थैंक यू कहा। राघव वहाँ से जाने लगा तो अंजलि ने कहा राघव लंच में रागिनी के बर्थडे की पार्टी करेंगे, प्लीज तुम भी आ जाना, सब साथ में रागिनी का बर्थडे स्पेशल बनायेंगे। रागिनी ने सुना तो जैसे होश में आई और वो फिर कुछ कहने को हुई तो अंजलि ने उसे आँख मारकर चुप रहने का इशारा किया। राघव ने कहा ठीक है और अपनी क्लास की तरफ चला गया। राघव के जाते ही रागिनी ने अब गुस्से में अंजलि की तरफ देखा और कहा अब ये क्या था? अंजलि ने कहा अरे बर्थडे है तो पार्टी तो बनती है ना? रागिनी ने कहा तुमसे किसने कहा कि आज मेरा बर्थडे है? अंजलि ने कहा तुम्हारे वाइट सूट ने! व्हाट????????????? रागिनी और रिया एक साथ ही बोल पड़े थे। अंजलि ने कहा अरे चिल्ल यार बर्थडे ही तो मना रही हूँ कौन सा तेरी शादी करवा रही हूँ जो तुझे इतना शॉक लग गया। मतलब आज तेरा बर्थडे नहीं है, रिया ने मासूम सी शक्ल बनाते हुए कहा? रागिनी ने भी नहीं में अपना सिर हिलाया तो रिया भी अंजलि को गुस्से में देखने लगी थी।
अंजलि ने कहा क्या तुम दोनों इतना गुस्सा क्यों कर रहे हो? राघव से जल्दी हाँ बुलवाना है तो प्लान भी जल्दी-जल्दी करने पड़ेंगे। आज देखना क्या मजा आएगा, लेकिन ये मयंक और शुभम कहाँ रह गए? आपने याद किया और हम चले आये। मयंक ने मुस्कुराकर अंजलि को देखा तो अंजलि ने कहा तुम ठीक हो? मयंक ने कहा क्यों ठीक नहीं लग रहा क्या? ये पूछते हुए मयंक के चेहरे पर जो स्माइल थी उसे देख अंजलि ने अपनी नज़रें दूसरी तरफ कर ली और कहा मुझे लगा सुबह-सुबह इतना मुस्कुरा रहे हो कहीं भांग-वांग तो खाकर नहीं आ गए। ये सुनकर रागिनी, रिया हँस पड़े। मयंक ने कहा नहीं.... मैं कोई नशा नहीं करता। तभी शुभम और नितिन भी वहाँ पहुँच गए थे। शुभम ने कहा हाय रागिनी! अंजलि ने कहा ओये हम सब भी यहाँ खड़े हैं और तू ये ओवर एक्टिंग क्यों कर रहा है? यहाँ तो राघव है नहीं फिर भी बड़ी हाय हेल्लो हो रही है। शुभम ने कहा मैं हर समय अपने करेक्टर में ही रहता हूँ भा.....भी.. आई मीन कहकर उसने जैसे ही अंजलि को देखा वो खा जाने वाली नज़रों से शुभम को देख रही थी। शुभम ने कहा मैं तो बस मजाक कर रहा था हैना मयंक???? मयंक ने हँसते हुए कहा अच्छा तू मजाक भी करता है मुझे तो ये पता ही नहीं था। शुभम ने मयंक को गुस्से में देखा और कहा अंजलि वो.......... मैं.......... बस......... अभी आता हूँ एक जरुरी फ़ोन करना था।
अंजलि ने कहा पहले बर्थडे तो विश कर दो तुम सब आज रागिनी का बर्थडे है। शुभम ने कहा वाओ, हैप्पी बर्थडे रागिनी! मयंक ने सुना तो उसने अंजलि की तरफ देख कर कहा क्या आज रागिनी का बर्थडे है? रिया ने कहा हाँ आज अंजलि ने रागिनी का बर्थडे मनाने का प्लान बनाया है? मयंक ने कहा ओह्ह हैप्पी बर्थडे रागिनी! चलो.......चलो सब लंच में कैन्टीन में मिलते हैं, कहकर अंजलि रागिनी और रिया के साथ क्लास के लिए चली गयी। शुभम ने कहा यार बहुत खतरनाक है? मयंक ने कहा हाँ वो तो है लेकिन बहुत प्यारी भी है। शुभम ने मयंक को छेड़ते हुए कहा हाँ प्यारी...............तो वो होगी आखिर भाभी जो है हमारी। मयंक ने शरमाते हुए कहा साले ये भाभी मत कहा कर वरना किसी दिन बहुत पिटेगा। शुभम ने कहा यार पता नहीं कैसे उन्हें देखते ही अपने आप मुँह से निकल जाता है। नितिन बहुत चुपचाप था तो शुभम ने कहा तुझे क्या हुआ है इतना चुप क्यों है? नितिन ने कहा यार राघव बहुत उदास है, कहीं हम उसे ज्यादा परेशान तो नहीं कर रहे हैं? मयंक ने कहा हाँ यार कह तो तू सही रहा है अकेला-अकेला रहने लग गया है। कल तो मेरे साथ घर भी नहीं गया, शायद बस में ही गया होगा। शुभम ने कहा अरे सेंटी मत हो दोनों, वो ठीक हो जायेगा। अब चलो थोड़ा पढ़ भी लें वरना घर वाले कहेंगे कॉलेज क्या करने जाते थे? तीनों अपनी क्लास की तरफ बढ़ गए, राघव पहले से ही क्लास में बैठा हुआ था।
शुभम को देखते ही राघव के चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए थे लेकिन शुभम ने इगनोर करते हुए नितिन से कहा यार आज रागिनी कितनी सुंदर लग रही थी। मेरी तो उस पर से नज़र ही नहीं हट रही थी। राघव ने सुना तो उसका गुस्सा बढ़ गया था। शुभम और नितिन एक बेंच पर बैठ गए थे। मयंक राघव के साथ बैठते हुए कहने लगा हाय राघव क्या हुआ सब ठीक है ना घर में? तू कुछ उदास सा क्यों लग रहा है? राघव ने कहा हम्म... सब ठीक है। मयंक ने पूछा अच्छा तूने रागिनी को बर्थडे विश किया? राघव ने कहा हाँ कर दिया था। मयंक ने कहा मुझे तो अभी पता लगा अंजलि ने बताया। राघव ने कुछ नहीं कहा लेकिन उसके दिमाग में बस शुभम और रागिनी ही चल रहे थे। उधर क्लास लेने के बाद अंजलि ने मयंक को फ़ोन किया और राघव का पूछा। मयंक ने कहा काफी अपसेट है, कहीं हम ज्यादा टार्चर तो नहीं कर रहे? अंजलि ने कहा अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है, चलो तुम सब कैन्टीन पहुँचो। हम्म कहकर मयंक ने फ़ोन रख दिया और राघव से कहा अंजलि का फ़ोन था, रागिनी का बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए कैन्टीन बुलाया है। राघव ने कहा मेरा मन नहीं है तुम लोग जाओ।
शुभम और नितिन भी ये सब सुन रहे थे। शुभम ने थोड़ा जोर से कहा आज तो मैं रागिनी के साथ ही बैठने वाला हूँ, मजा आएगा। राघव ने सुना तो पलट कर शुभम की तरफ देखने लगा था। शुभम ने मुस्कुराते हुए कहा भाई तुझे बुरा तो नहीं लग रहा न? वैसे बुरा क्यों लगेगा तू तो रागिनी से प्यार नहीं करता ना? नितिन ने भी शुभम का साथ देते हुए कहा हाँ तभी तो उसने रागिनी को मना कर दिया था। राघव चुपचाप खड़ा था लेकिन उसके दिलोदिमाग में तूफ़ान मचा हुआ था। मयंक ने कहा क्या बकवास कर रहे हो तुम दोनों, चुप करो। चल राघव कहकर उसने राघव का हाथ पकड़ा और राघव भी उसके साथ चल दिया। मयंक ने कहा राघव अगर तेरे दिल में कुछ है रागिनी के लिए तो कह दे यार, वरना बाद में पछतावे के सिवा कुछ नहीं रह जाएगा। मुझे जाने क्यों लगता है कि तू उसके बिना नहीं रह पायेगा। राघव ने मयंक की तरफ देखते हुए कहा वो तो रह लेगी ना? मयंक ने कहा तो उसके पास तो कोई आप्शन नहीं है। उसने अपने दिल की बात तो तुझसे कह दी थी वो भी हम सबके सामने लेकिन अगर तूने मना कर दिया तो वो क्या कर सकती है?
कैन्टीन में अंजलि, रागिनी, रिया और नाज़िया पहुँचे तो पता लगा आज कैन्टीन बंद है। अब क्या करें यही सोच रहे थे कि मयंक, राघव, शुभम और नितिन भी वहाँ पहुँच गए थे। अंजलि ने उनसे कहा बाहर चले कैन्टीन तो आज बंद है? मयंक ने कहा बाहर कहाँ? अंजलि ने कुछ सोचते हुए आयुष को फ़ोन किया और बात करती हुई थोड़ी दूर चली गयी। अब मयंक उसे यूँ खुश होकर बात करते देख रहा था और खुद से ही बात करते हुए कह रहा था आखिर ये आयुष से इतना खुश होकर बात क्यों करती है? मुझसे बात करते हुए तो ये मेरी तरफ देखती भी नहीं है, खुश होकर बात करना तो बहुत दूर की बात है? तभी अंजलि आई और कहने लगी हो गयी प्रॉब्लम सॉल्व, हम बाहर चल रहे हैं। शुभम ने कहा लेकिन बाहर कहाँ??? चलो तो बताती हूँ। कॉलेज से बाहर आकर मयंक ने अपनी बाइक ली और शुभम ने अपनी कार ली। मयंक के साथ राघव और शुभम की गाड़ी में अंजलि, रिया, नाज़िया, नितिन और रागिनी सभी एडजस्ट हो गए थे। रागिनी शुभम के साथ आगे बैठी थी और बाकी सभी पीछे बैठ गए थे। राघव ये सब देखकर एक बार फिर शुभम को घूरने लगा। राघव को यूँ घूरता देख शुभम ने उसे हलकी सी स्माइल पास की। राघव गुस्से में अब दूसरी तरफ देखने लगा। इतने में शुभम गाड़ी लेकर आगे निकल गया। मयंक भी उसकी गाड़ी के पीछे ही अपनी बाइक चलाने लगा था। थोड़ी ही देर में वो एक रेस्टोरेंट के बाहर खड़े थे।
सभी गाड़ी से उतर कर वहाँ खड़े हुए और शुभम गाड़ी पार्किंग में लगाने के लिए चला गया था। तभी मयंक भी वहाँ पहुँच गया उसने देखा अंजलि फ़ोन पर बहुत हँसकर किसी से बातें कर रही थी। उसने रेस्टोरेंट के बाहर ही बाइक खड़ी की और अंजलि के पास आ पहुँचा था। अंजलि फ़ोन पर कह रही थी कि तू लेट है और अब तुझे पनिशमेंट मिलेगी? इतने में एक बाइक आकर अंजलि के पास रुकी और अंजलि खुश हो गयी। ये आयुष था, जिसे देख कर मयंक की ख़ुशी लगभग गायब हो गयी थी। आयुष आगे बढ़कर सभी से मिल रहा था। जैसे ही वो मयंक के पास गया, मयंक अपने फ़ोन को कान पर लगाते हुए वहाँ से दूसरी तरफ चला गया। आयुष ने तो इतना माइंड नहीं किया लेकिन अंजलि को मयंक का ये बर्ताव बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। अंजलि ने सभी को रेस्टोरेंट के अंदर जाने को कहा। राघव ने कहा लेकिन मयंक??? मैं उसे बुला कर लाती हूँ, अंजलि ने कहा और मयंक के पीछे चली गयी। आयुष को पता था कि अंजलि गुस्से में गयी है इसलिए वो भी वाशरूम का बहाना कर के अंजलि के पीछे चला गया। इधर रेस्टोरेंट के अंदर शुभम रागिनी के साथ वाली सीट पर बैठ गया था। नितिन रिया के साइड में बैठा था और उससे बातें करने लगा था। नाज़िया के साथ वाली सीट पर राघव आकर बैठा तो रागिनी बिलकुल उसके सामने बैठी हुई थी। राघव ने वहाँ से उठना चाहा लेकिन फिर वहीं बैठा रहा। शुभम लगातार रागिनी से बातें करने में लगा हुआ था। बाकी सब चुपके-चुपके राघव की बेचैनी को पढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
नितिन ने रिया से कहा राघव को गुस्सा तो बहुत आ रहा है लेकिन मानेगा नहीं जल्दी से। रिया ने कहा हम्म............पता नहीं वो ऐसा क्यों सोचता है कि प्यार करने वाले दुखी रहते हैं? नितिन ने कहा अब हमें तो पता नहीं, कोई हमसे प्यार करे तो ही पता लगेगा कि प्यार दुःख है या ख़ुशी। रिया उसकी इस बात पर थोड़ा मुस्कुरा गयी तो नितिन ने कहा रिया तुम हँसती हुई बहुत खूबसूरत लगती हो। इस बार रिया ने कहा तुम फ़्लर्ट कर रहे हो? पहले दिन से नितिन ने भी मुस्कुराते हुए कहा तो रिया ने उसे मुँह चिढाते हुए कहा कहीं और ट्राई करो। नितिन ने कहा कहीं और दिल लगता ही नहीं। राघव भी नाज़िया से बात करते हुए लगातार रागिनी को ही देख रहा था। रागिनी की नज़र पड़ते ही राघव उसे गुस्से में देख रहा था। रागिनी को लगा कि राघव शायद शुभम पर गुस्सा है और वो अब भी शुभम से हँस-हँस कर बात कर रही थी।
दूसरी तरफ अंजलि ने देखा मयंक अपनी बाइक के पास खड़ा हुआ किसी से फ़ोन पर बात कर रहा है? अंजलि चुपचाप जाकर उसकी बात खतम होने का इंतजार करने लगी थी। आयुष भी वहाँ पहुँच गया था लेकिन वो कुछ दूरी पर ही खड़ा हो गया था। मयंक ने जब अंजलि को देखा तो उसने बाय कहकर फ़ोन रख दिया। तुम यहाँ क्या कर रही हो? अंजलि ने गुस्से में ही कहा ये क्या था मयंक? मयंक ने कोई ध्यान नहीं दिया और जाने लगा तो अंजलि ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया था? तुमने आयुष को ऐसे ट्रीट क्यों किया? उसे कितना बुरा लगा होगा, तुम्हें अंदाज़ा भी है? मेरे कहने पर उसने यहाँ सब इंतजाम किया था और तुमने उसकी बेईज़ती कर दी, बिना कुछ सोचे-समझे। मयंक ने कहा मैंने उसकी कोई बेइज्जती नहीं की है। मेरा फ़ोन आ गया था इसलिए मैं जल्दी में वहाँ से चला आया था। अंजलि ने कहा तुम झूठ बोल रहे हो, मैंने देखा था और तब तक तुम्हारा कोई फ़ोन नहीं आया था। अंजलि ने फिर अपना सवाल दोहराया तो मयंक अपना आपा खो बैठा। उसने अंजलि के बिलकुल करीब होते हुए कहा मुझे वो बिलकुल भी पसंद नहीं। अंजलि ने कहा सो व्हाट? तुम उसकी बिना वजह इन्सल्ट करोगे? मयंक ने कहा अंजलि जाओ यहाँ से मेरा दिमाग बिलकुल भी ठीक नहीं है। अंजलि ने कहा वो हमारी मदद कर रहा है और तुम................उसकी बात बीच में ही काटते हुए मयंक ने कहा वो तुम्हारी मदद कर रहा है मेरी नहीं जो मैं उससे डरूँगा। अंजलि ने कहा तुम क्या पागल हो गए हो? इस बार मयंक ने अंजलि की आँखों में देखते हुए कहा हाँ पागल हो गया हूँ, गुस्सा आता है जब भी तुम्हें उसके साथ देखता हूँ। उससे हँसकर बात करती हो तो मेरी हँसी गायब हो जाती है। फ़ोन करता हूँ तो तुम उसी के गुणगान कर रही होती हो। मेरा दिमाग ख़राब हो जाता है ये सोचकर कि कहीं तुम उसे पसंद तो नहीं करती या फिर कहीं तुम उसे प्यार तो नहीं करती।
अंजलि ये सब सुनकर हैरानी से मयंक को देख रही थी। उधर थोड़ी दूर खड़ा आयुष मंद-मंद मुस्कुरा रहा था, जिस पर मयंक और अंजलि किसी का भी ध्यान नहीं गया था। अंजलि ने कहा अचानक से तुम्हें हो क्या गया है और ये कैसी बातें कर रहे हो? मयंक ने अब खुद पर काबू करते हुए कहा सॉरी मुझे आयुष से ऐसे बर्ताव नहीं करना चाहिए था। मैं अभी जाकर उसको सॉरी बोलता हूँ। मयंक चला ही था कि आयुष उसके सामने आ गया और वो अब भी मुस्कुरा ही रहा था। मयंक ने एक बार पलट कर अंजलि को देखा जो अब भी वहीं खड़ी थी और उसने फिर आयुष से कहा सॉरी यार वो एक फ़ोन आया था इसलिए तुम से अच्छे से मिल नहीं पाया। आयुष ने बड़े ही प्यार से कहा इट्स ओके! लेकिन अंजलि तुमसे शायद बहुत नाराज़ हो गयी है। हम्म...कहकर मयंक रेस्टोरेंट के अंदर चला गया था। आयुष ने देखा अंजलि अब भी वहीं खड़ी है, वो उसके पास पहुँचा और कहने लगा कहाँ खोयी हो प्रिंसेस?
आयुष की आवाज से अंजलि की तन्द्रा टूटी तो उसने देखा आयुष मुस्कुरा रहा है। चलो यार पार्टी शुरू करें सबको घर भी वापिस जाना होगा। अंजलि ने कहा हम्म..........और आयुष के साथ रेस्टोरेंट के अंदर आकर बैठ गयी। आयुष भी उसकी साइड वाली कुर्सी पर बैठ गया था। मयंक राघव की बगल में बैठा हुआ कुछ सोच रहा था। राघव ने उसे ऐसे खोया देखा तो पूछने लगा मयंक तू ठीक है ना? मयंक ने कहा हम्म........ठीक हूँ। आयुष ने फिर सबके लिए उनकी पसंद का खाना आर्डर किया। मयंक और अंजलि दोनों ही नार्मल दिखने की भरपूर कोशिश कर रहे थे और वो काफी हद तक कामयाब भी हो रहे थे, लेकिन राघव और आयुष जानते थे कि ये दोनों ठीक नहीं हैं। खाने के बाद आयुष ने केक आर्डर किया और रागिनी ने शुभम के साथ मिलकर केक काटा और सभी उसके लिए लिए बर्थडे सॉंग गाने लगे थे। सभी ने बारी-बारी से रागिनी को केक खिलाते हुए विश किया। राघव की बारी आई तो उसने भी रागिनी को केक खिलाया और उसे हैप्पी बर्थडे बोलकर कहा, दुआ है तुम हमेशा खुश रहो। रागिनी को सुनकर बहुत अच्छा लगा दिया और बदले में उसने राघव को थैंक यू कहा!
इतने में शुभम ने बीच में ही कूदते हुए कहा हे रागिनी तुम इधर आओ ना सारे थैंक यू उसे ही कह दोगी क्या? रागिनी को अपने साथ खड़ा कर शुभम उसके साथ फोटो लेने लगा। फिर सभी के साथ ग्रुप फोटो भी ली गयी, जिसमें रागिनी के एक तरफ राघव और एक तरफ शुभम खड़ा था। करीब 2 घंटे बाद सभी अपने घर के लिए निकलने लगे तो वहाँ शुभम और रागिनी नहीं दिखाई दिए। राघव आकर मयंक से कहने लगा मैं चलता हूँ मुझे देर हो गयी है और थोड़ा जरुरी काम भी है। मयंक ने कहा मैं छोड़ दूँगा लेकिन राघव ने मना कर दिया और वहाँ से चला गया।
शुभम ने सभी को अपनी गाड़ी में बिठाया और कहा मैं रागिनी और रिया को बस स्टैंड तक छोड़ दूँगा। रिया, नितिन, रागिनी, नाज़िया, सभी शुभम के साथ उसकी गाड़ी में निकल गए थे। अब रेस्टोरेंट के बाहर अंजलि, आयुष और मयंक ही खड़े थे। उनके जाते ही अंजलि ने आयुष को देखा तो वो मुस्कुरा रहा था। अंजलि ने कहा अब तुम्हें क्या हुआ आज ज्यादा कोलगेट कर के आये हो क्या? आयुष ने कहा नहीं तो आज तो कोलगेट करना ही भूल गया था। इतना सुनते ही अंजलि उसे घूरने लगी तो आयुष ने कहा जस्ट चिल्ल यार मजाक कर रहा हूँ। मयंक अब थोड़ा शांत था तो उसने अंजलि से कहा आई एम सॉरी मैंने तुम्हारा मूड ख़राब कर दिया। अंजलि ने कोई जवाब नहीं दिया और आयुष से कहने लगी मुझे घर छोड़ दो, अगर तुम्हारे पास टाइम हो तो? आयुष ने कहा प्रिंसेस आपके लिए तो टाइम ही टाइम है। ऐसा कहते हुए आयुष ने मयंक की तरफ देखा तो मयंक उसे गुस्से में ही देख रहा था। आयुष ने अपनी बाइक स्टार्ट की और ऐसा करते हुए भी वो लगातार मयंक पर ही अपनी नज़रें गडाए हुए था।
इसी बीच मयंक ने एक बार फिर अंजलि से बात करनी चाही तो अंजलि ने कहा बाद में बात करती हूँ अभी लेट हो रही हूँ। कहकर अंजलि आयुष के साथ बाइक पर बैठ कर चली गयी थी। मयंक वहीं खड़ा उन्हें जाते हुए देख रहा था और अगले ही पल कुछ सोच कर मुस्कुरा दिया था। उसने भी अपनी बाइक स्टार्ट की और अपने घर की तरफ निकल गया। उधर रास्ते में आयुष ने कहा प्रिंसेस ये आपके बंदर को हुआ क्या था, कहीं मुझसे जल-वल तो नहीं रहा था? अंजलि ने कहा शट अप वो ऐसा नहीं है। आयुष ने कहा तो फिर कैसा है? मुझे ऐसा लग रहा है शायद तुम्हें पसंद करता है? अंजलि ने कहा आयुष...............तुम फिर शुरू हो गए, बाइक चलाओ चुपचाप। आयुष ने कहा अरे बाबा मैंने उसकी आँखें नोटिस की हैं, मुझसे तो पक्का जल रहा था। इतना तो शायद राघव शुभम से नहीं जल रहा होगा जितना वो मुझसे जल रहा था। ऐसा लग रहा था कि प्लान का असर राघव पर कम और आपके उस बंदर पर ज्यादा हो गया है। अंजलि ने कहा बाइक रोको। क्यों? आयुष ने बाइक चलाते हुए ही कहा। मुझे नहीं जाना तुम्हारे साथ अंजलि ने चिढ़ते हुए कहा। आयुष ने कहा ओके बाबा मैं कुछ नहीं कह रहा लेकिन लड़का हूँ और लड़कों की नज़र और नियत जल्दी से समझ जाता हूँ। बस इसीलिए कह दिया बाकी आपकी मर्जी। अंजलि ने कहा हाँ तुम तो अंतर्यामी हो लेकिन अभी मेरा घर आ चुका है। आयुष ने बाइक अंजलि के घर के नीचे रोक दी और जाने लगा तो अंजलि ने उसे घर आने के लिए कहा। आयुष ने कहा आज नहीं प्रिंसेस फिर कभी, थोड़ा जल्दी में हूँ। ओके बाए कहते हुए उसने कहा उसका फ़ोन जरुर आएगा, बात कर लेना और हाँ शर्मिंदा होगा तो माफ़ कर देना ज्यादा भाव न खाने लग जाना, अच्छा लड़का है। अंजलि ने अब हँसते हुए कहा अच्छा तो आज पता लगा कि तुम लड़कों में ज्यादा इंटरेस्टेड हो? ये कहकर अंजलि अपने घर के गेट के अंदर चली गयी।
आयुष मुस्कुराया और कहने लगा हम्म..........इसका मतलब हमारी प्रिंसेस भी उसे नोटिस करती हैं, लेकिन जल्दी से बतायेंगी नहीं किसी को। कोई नहीं मैं जल्दी ही पता लगा लूँगा कि आखिर प्रिंसेस क्या सोचती हैं अपने बंदर के बारे में। आयुष ने अपनी बाइक स्टार्ट की और अपनी घर की तरफ चल दिया। रास्ते में उसका फ़ोन बजने लगा तो उसने बाइक रोककर फ़ोन उठाया और बात करने लगा। फ़ोन पर दिव्या थी और वो आयुष को थैंक यू कह रही थी। आयुष थैंक यू तुमने मुझे समझा, तुम सच में मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो। आई एम वैरी लक्की। आयुष ने कहा मी टू! दिव्या खिलखिलाकर हँस पड़ी थी और आयुष उसकी हँसी सुनकर अपने भीतर एक सुकून महसूस करने लगा था। ओके दिव्या मैं रास्ते में हूँ फ्री होकर फ़ोन करूँगा, अपना ध्यान रखना। आयुष ने फ़ोन रख दिया और सोचने लगा कितनी मासूम है लेकिन वो लड़का तो सच में अच्छा नहीं है, लेकिन दिव्या को कैसे समझाऊँ वो तो उसके लिये पागल है। हम्म......लेकिन कुछ तो करना पड़ेगा, देखता हूँ क्योंकि उसकी ख़ुशी मेरे लिए बहुत मायने रखती है। चाहे वो किसी के भी साथ हो बस खुश रहे।
दूसरी तरफ गाड़ी में शुभम ने कहा रागिनी एक्टिंग सही थी ना? राघव का चेहरा देखा कैसे उतर गया था? और जब हम साथ में सेल्फी ले रहे थे पता है हमें एकटक देख रहा था। मुझे तो आजकल सिर्फ घूरता ही रहता है। रागिनी ने कहा मुझे ये सब कुछ अच्छा नहीं लग रहा, वो बेचारा बहुत परेशान हो जाता है। नाज़िया ने कहा टेंशन मत ले कल देख वो जरुर तुझसे बात करने आएगा। रागिनी ने कहा कल सन्डे है, अब हम मंडे को ही मिलेंगे। ये तो और भी अच्छा हुआ ज्यादा टाइम सोचेगा तो और भी समझेगा। रिया आज नितिन के बगल में बैठी थी। वो खामोश बैठी हुई थी। नितिन उसके साथ बैठ कर बहुत खुश था लेकिन दोनों खामोश ही बैठे थे। बस स्टैंड आया तो शुभम ने कहा चलो सभी अपने-अपने घर के लिए प्रस्थान करें और कृपया घर पहुँच कर मुझे इन्फॉर्म भी करें। सभी हँसते हुए उसकी गाड़ी से उतरे और उसे थैंक यू कहने लगे। नितिन ने रिया के लिए कार का दरवाजा खोला तो रिया भी कार से बाहर निकली। नितिन ने कहा रिया बाय प्लीज संभल कर जाना। रिया ने मुस्कुराकर कहा ओके। रिया और रागिनी ने बस ली और वहाँ से चली गई। नाज़िया ने वहाँ से ऑटो किया और वो भी अपने घर के लिए निकल गयी थी। शुभम ने देखा नितिन अब भी रिया की बस की तरफ देख रहा था। रिया खिड़की वाली सीट पर बैठी हुई थी तो नितिन को उसका चेहरा दिखाई दे रहा था। शुभम ने कहा ओये घूरना बंद कर उसे और चल तुझे घर छोड़ दूँ। नितिन आकर शुभम की गाड़ी में बैठ गया और शुभम ने कहा रिया अच्छी लड़की है लेकिन तूने नोटिस किया है कि वो ज्यादा चुप रहती है। नितिन ने कहा हम्म........शायद उसे ज्यादा बोलना पसंद न हो।
शुभम ने कहा एक ये राघव लगता है रागिनी और मेरी शादी करवा कर ही बोलेगा। इतना चिढ़ाता हूँ लेकिन उसके होठों पर तो जैसे फेविकोल लगी हुई है। पता नहीं कब अपने दिल की बात कहेगा। नितिन ने कहा तूने देखा राघव आजकल मयंक से भी नाराज़ है। वो सब छोड़ ये बता तू और रिया, राघव और रागिनी, मयंक और अंजलि होगा या फिर मयंक और आयुष??? हाँ यार ये आयुष क्यों इतना आगे-पीछे घूमता है अंजलि के, और उसे प्रिंसेस क्यों कहता है? नितिन ने गंभीर मुद्रा में कहा तो शुभम ने कहा जरुर उसे इम्प्रेस करने के चक्कर में कहता होगा। ये मयंक और अंजलि का भी कुछ समझ नहीं आता। लेकिन मेरा क्या होगा ये सोच-सोच कर मेरा दिल बैठा जा रहा है, जैसे ही शुभम ने कहा तो नितिन हँस पड़ा। तू पंडित बनकर सबकी शादियाँ करवाएगा। तू भविष्य में बाबा लव गुरु के नाम से जाना जायेगा। ये सुनकर पहले तो शुभम ने नितिन को घूरा और फिर दोनों एक साथ ही हँस पड़े थे।
अंजलि घर पहुँची तो उसे रह-रहकर मयंक का आयुष के साथ किया गया बर्ताव ही याद आ रहा था। नैना जी ने चाय दी तो अंजलि चाय लेकर अपने कमरे में चली गयी। नैना जी ने खुद से ही कहा ये लड़की भी बस आते ही कमरे में ही बंद हो जाती है। उधर मयंक ने अपना फ़ोन उठाया और अंजलि को फ़ोन किया। अंजलि ने फोन देखा तो उसे आयुष की बात याद आ गयी थी कि वो तुम्हें फ़ोन जरुर करेगा। अंजलि ने फ़ोन उठाया तो उधर से मयंक ने कहा हेलो अंजलि क्या तुम नाराज़ हो? अंजलि ने गुस्से में कहा जो तुमने आज मेरे दोस्त के साथ व्यवहार किया उसके बाद मुझे खुश होना चाहिए क्या? अंजलि…वो पता नहीं मुझे क्या हो गया था, तुमने कहा था कि वो तुम्हारा दोस्त है ना? हाँ, मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वो बहुत अच्छा है और मैं उसकी बहुत इज्ज़त करती हूँ। उसकी बेईज्ज़ती बर्दाश्त नहीं कर सकती। मयंक ने कहा अंजलि मुझे तुम से कल कुछ जरुरी बात करनी है। अंजलि ने कहा ठीक है लेकिन कल कॉलेज नहीं है। तुम क्या बाहर कहीं मिल सकती हो? अंजलि ने कहा नहीं मैं सन्डे का पूरा टाइम अपनी माँ-पापा के साथ होती हूँ। मयंक ने कहा इट्स ओके फिर हम मंडे को बात करेंगे। ठीक है कहकर अंजलि ने फ़ोन रख दिया।
अंजलि ने फ़ोन रखा ही था तभी आयुष का फ़ोन आ गया। अंजलि ने कहा हम्म...बोलो। आयुष ने कहा लगता है बंदर का फ़ोन आ चुका है? अंजलि ने चौंक कर कहा तुम्हें कैसे पता? अन्तर्यामी हूँ तुम्ही ने तो कहा था अभी थोड़ी देर पहले, लगता है भूल गयी। वैरी फनी, अंजलि ने कहा। वैसे क्या कहा आपके जल्कुकड़े बंदर ने। व्हाट???????अंजलि ने कहा। जलकुकड़ा मतलब जलने वाला। अंजलि ने कहा आयुष अब तुम पिटोगे। आयुष ने कहा अच्छा ठीक है बाद में बात करता हूँ। उसने फ़ोन रख दिया और अंजलि वही बेड पर बैठ गयी। अपनी चाय पीते हुए वो अब सोचने लगी कि उसे मुझसे क्या बात करनी है? तभी उसके फोन पर एक ऑडियो मेसेज आया जो उसे आयुष ने भेजा था। अंजलि ने जैसे ही ऑडियो सुना तो उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट तैर गयी थी। वो एक गाना तो और कैप्शन में लिखा था फॉर योर आशिक बंदर। गाना कुछ इस तरह था:-
“तुम्हें कोई और देखे तो जलता है दिल,
बड़ी मुश्किलों से फिर संभलता है दिल,
क्या-क्या जतन करते हैं, तुम्हें क्या पता,
ये दिल बेक़रार कितना ये हम नहीं जानते,
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना।
हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते,
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना।”
अंजलि ने हँसते हुए एक मेसेज टाइप किया, आयुष अपनी हड्डियाँ मजबूत कर लो तुम। तुम्हें तो मैं मिलकर बताती हूँ।
क्रमशः
