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SIDHARTHA MISHRA

Children Stories Classics Inspirational

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SIDHARTHA MISHRA

Children Stories Classics Inspirational

टाटा सुमो

टाटा सुमो

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टाटा कंपनी की एक बेहद लाजवाब गाड़ी का नाम है टाटा सुमो। ये गाड़ी की बहुत डिमांड हुई थी।एक बार पाकिस्तान के कुछ बिजनेसमैन टाटा कंपनी के मुखिया श्री रतन टाटा से मिलने उनके दफ़्तर पहुंचे।रतन टाटा उनसे मिलने से साफ इंकार कर दिया।फिर वो बिजनेसमैन एक मंत्री के पास पहुंचे और उन मंत्री जी ने रतन जी से फ़ोन करके कहा की ये पाकिस्तान के बिजनेसमैन आपके लिए प्रस्ताब लाये हैं की आप अगर टाटा सुमो इनको बेचेंगे तो ये आपको दो गुना मुनाफा देंगे और पाकिस्तान मैं सूमो की प्रोडक्शन यूनिट भी खोलेंगे।आपको बहुत मुनाफा होगा, आप इनसे मिल लीजिये!

रतन जी ने कहा की कोई भी मुनाफा मेरे देश से बढकर नहीं है, और फिर फ़ोन काट दिया। ऐसी है टाटा कंपनी की देश भक्ति।

टाटा सुमो का नाम कारण का भी एक मजेदार किस्सा है।टाटा मोटर्स के उस समय के M. D. श्री सुमंत मोलगाओंकर हर दिन लंच ब्रेक मैं अपने कंपनी के पास के ढाबे मैं जाकर ट्रक ड्राइवरो से टाटा ट्रक्स के बारे मैं उनकी राय जानते थे, और अपने कंपनी के ट्रक्स को और बेहतर करने की लगातार कोशिश करते थे।

उनकी इसी निष्ठा को सम्मान करते हुई टाटा कंपनी ने अपनी सुमो गाड़ी का नाम उनके नाम के पहले दो अक्सर सु (सुमंत ) मो ( मोलगाओंकर ) को जोड़कर दिया है।

तो ये थी टाटा कंपनी की एक बेहतरीन गाड़ी, सुमो की कुछ दिलचस्प बातें। टाटा कंपनी ने हमेशा अपने देश को सबसे आगे रखा और अपने देश और देशवासियो की तरक्की के लिए काम किया है।पुरे देश को उनपे गर्व है।


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