तोता..🐦
तोता..🐦
रोहन के जन्मदिन पर उसके दोस्त के पिता ने उसे उपहार में सुंदर से पिंजरे में एक तोता भेंट किया ।रोहन के लिए यह गिफ्ट सबसे अलग था। उसके और कई सारे दोस्तों ने ...किसी ने चॉकलेट.. किसी ने आकर्षक खिलौने ... किसी ने सुंदर सी घड़ी दी.....।इतने सारे प्यारे प्यारे भिन्न-भिन्न तरीके के उपहारों से रोहन बहुत खुश था । अब उसका सारा समय इन्हीं को खेलने में ही बीत जाता...।स्कूल की छुट्टियां हो जाने से रोहन के दिनचर्या में बदलाव आ चुका था। देर से सोकर उठना और फिर टीवी देखना दिन भर मोबाइल से खेलना... यही उसकी दिनचर्या थी।खाने का तो उसके अता पता ही ना था..। उसका देर सवेर खाना। इससे उसकी मांँ बहुत परेशान रहती थी ।वह रोहन को बहुत समझाती ....लेकिन रोहन समझने को नहीं तैयार था ..। वह अपनी ही मस्ती में धुन रहता.. और अपने खिलौनों में..। बाकी बचे टाइम में वह मोबाइल से खूब खेलता..।उस तोते की तरफ उसका ध्यान ही नहीं जाता। एक दिन उसकी मांँ ने कहा .."रोहन देखो तोता सुबह-सुबह राम-राम करता है ..और वह सुबह उठने को भी कहता है..।जो सुबह उठेगा वही स्वस्थ रहेगा..।" रोहन की मांँ उसे इसी बहाने उसकी दिनचर्या में बदलाव लाना चाहती थी।
एक दिन रोहन सुबह जल्दी उठ गया और उस तोते के पास गया.. तो तोते ने उससे कहा .."नमस्ते ...राम- राम जी..।"
यह सुनकर रोहन दंग रह गया उसने अपनी मांँ से पूछा ..
"मांँ यह राम कौन है ..?? मांँ यह तोता मुझसे नमस्ते करता है ..और मुझे राम राम बोलता है । मेरा नाम रोहन है.. राम नहीं है..!!"
इस पर रोहन की मांँ हंँसने लगी और कहने लगी ..यह तुम्हारे दोस्त के पिताजी ने उसको राम-राम सिखा दिया है और नमस्ते करना भी सिखा दिया है । सुबह उठकर सबको राम राम और नमस्ते प्रणाम किया करो ।इससे तुम्हें सब का आशीर्वाद मिलेगा।
इस पर रोहन की जिज्ञासा बढ़ गई ।
वह बोला यह तो ठीक है । लेकिन राम कौन हैं इस पर उसकी मांँ ने उसे श्री रामचंद्र जी की पूरी जीवनी सुनाई और उनकी मर्यादाओं से उसे अवगत कराया।यह सुन रोहन आश्चर्यचकित हो गया क्योंकि बाल मन पर जो भी शिक्षा या सीख के बीज पड़ते हैं । वह अमिट छाप छोड़ कर ही रहते हैं..।
अब रोहन सुबह जल्दी उठ जाता और तोते के पास जाता। तोता उससे फिर ..नमस्ते राम-राम जी कहता..। इससे रोहन बहुत खुश होता.. और वह भी पलट कर तोते को राम राम बोलता...। अब रोहन भी सबसे सुबह नमस्ते प्रणाम और राम-राम जी करना सीख रहा था....।अब तोता रोहन का सबसे प्यारा मित्र बन गया अब वह इसके पास ज्यादा से ज्यादा समय बिताता....।जिससे मोबाइल और टीवी से उसकी थोड़ी दूरी बन गई ।अब उसमें कुछ अच्छे गुण आने लगे....।जैसे सुबह जल्दी उठना.... ..उठकर सब को प्रणाम करना।भले ही उसमें यह गुण उस तोते के कारण ही आए हो । वह खेल खेल में अच्छी बातें और अच्छे संस्कारों से जुड़ गया..।
निष्कर्ष: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है आजकल बच्चे मोबाइल टीवी से ज्यादा जुड़े हुए हैं जिसमें अनावश्यक चीजें जो बच्चों के मन मस्तिष्क को हानि पहुंँचाती हैं उनसे दूर ही बच्चों को रखना बहुत आवश्यक है । आज एक तोते के कारण ही सही रोहन में इतने अच्छे बदलाव आए और वह अच्छे गुणों व संस्कारों से भर कर अच्छा व्यक्ति बनेगा।
